विश्व ह्रदय दिवस रविवार को सभी चिकित्सालयों में जागरूकता अभियान के रूप में मनाया गया। चिकित्सालयों के विशेषज्ञों ने रोगियों और स्टाफ से संवाद किया और अपनी रिसर्च और जानकारी सामने रखी। इस पर यह तथ्य निकलकर सामने आया कि अब दिल की बीमारी किसी उम्र की मोहताज नहीं है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीवराज मीणा ने बताया कि हृदय रोग के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है और यह बीमारी उम्र नहीं देख रही है। पहले यह माना जाता था कि हृदय रोग 50-60 वर्ष की उम्र के बाद ही होता है। लेकिन अब यह समस्या 20.30 वर्ष की उम्र में भी देखने को मिल रही है। 40 से 60 वर्ष की आयु वाले रोगी अधिक बढ़े हैं।
डॉ. जीवराज मीणा के अनुसार हृदय रोग का खतरा कम करने के लिए जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, नियमित स्वास्थ्य जांच और समय-समय पर चिकित्सक की सलाह लेना भी आवश्यक है।
बिगड़ी दिनचर्या व खानपान से बुरा असर
चिकित्सकों ने बताया कि बिगड़ी दिनचर्या और खानपान में गड़बड़ी से नई उम्र के लोगों में हृदय रोग का खतरा अधिक बढ़ा है। बताया कि अस्पताल में आने वाले मरीजों में 50 फीसदी रोगियों की उम्र 40 से 60 वर्ष के बीच है। इसके अलावा 40 वर्ष कम उम्र के मरीज भी पहुंच रहे हैं। यह चिंता का विषय है। कहा कि योग-व्यायाम को अपनी दिनचर्या में अनिवार्य रूप से शामिल करें। खान-पान संतुलित रखें। अधिक तली-भूनी चीजें, तेल-मसाला, फास्ट फूड आदि का परहेज करें। सावधानी बरतकर हम हृदय रोग के खतरों को कम कर सकते हैं।
हार्ट अटैक क्या होता है?
दिल का दौरा तब आता है जब हृदय को रक्त की आपूर्ति में बाधा आ जाती है। हार्ट को ब्लड सप्लाई करने वाले कोरोनरी धमनियां, हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली प्रमुख रक्त वाहिकाएं होती हैं। ये हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुंचाती हैं और हृदय के संकुचन में मदद करती हैं। किंतु जब रक्त की आपूर्ति के रास्ते में खून का क्लॉट जमने से धमनियां ब्लॉक हो जाती है। इस रुकावट की वजह से हृदय की मांसपेशियों को मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इसे दिल का धडक़ने में रूकावट आ जाती है जिसे अटैक कहते हैं।
हार्ट अटैक के कई लक्षण हो सकते हैं
हार्ट अटैक में कुछ प्रमुख लक्षण ये हैं। सीने में दर्द या बेचैनी होना, चक्कर आना, जी मचलना, उल्टी आना, जबड़े, गर्दन और पीठ में दर्द होना, हाथों या कंधों में दर्द या बेचैनी होना, सांस लेने में तकलीफ होना, ठंडा पसीना आना, दिल की धडक़न तेज होना, नींद न आने की समस्या।
हृदय रोग से ऐसे करें बचाव
स्वस्थ आहार, नियमित योग-व्यायाम, तनाव प्रबंधन, धूम्रपान और शराब से परहेज करना चाहिए।
डॉ. जीवराज मीणा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, प्रतापगढ़
अस्पताल में अब धूम्रपान करने वालों की खैर नहीं
चिकित्सा विभाग हुआ सख्त
प्रतापगढ़. अस्पताल को धूम्रपान निषेध जोन घोषित किया गया है। अगर आप ऐसे में पान, बीड़ी, सिगरेट व तंबाकू सेवन हुए पकड़े जाते हैं तो आप पर जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माना की राशि 200 या इससे अधिक भी हो सकती है। इसके अलावा अगर आप इन नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं तो 5 साल के लिए जेल जाने के लिए भी तैयार रहना पड़ेगा।
इस अभियान को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जीवराज मीणा ने सभी को आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि टोबैकों फ्री यूथ कैप्पेन 2-0 के तहत 26 नवम्बर से तंबाकू के विरूद्ध अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान सघन रूप से 2 माह तक चलेगा। इसको लेकर राज्य सरकार द्वारा गाइड लाइन सभी विभागों को भेज दिया गया है। इसमें चिकित्सा विभाग के साथ ही प्रशासन, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, स्वायत्त शासन विभाग की मुख्य भूमिका है। इसी के साथ ही अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में अस्पताल में जांच अभियान चलाया जाएगा। एनसीडी की टीम द्वारा अस्पताल के ओपीडी, ब्लड बैंक, इमरजेंसी, एक्स.रे, अल्ट्रासाउंड, दवा काउंटर, आईसीयू समेत विभिन्न विभागों में घूमकर लोगों को जागरुक करते हुए जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस दौरान जो तंबाकू खाते हुए पाया गया। उससे जुर्माना के रूप में 50 रुपण् वसूला गया। वहीं चिकित्सा संस्थान के 100 गज के दायरे में दुकानदारों को भी यह कहा गया कि तंबाकू बेचते हुए जो दुकानदार पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जागरूकता का भी अभियान:
तंबाकू मुक्त प्रतापगढ़ की अवधारणा को लेकर जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें रैलीए प्रभात फेरीए नुक्कड़ नाटक के साथ ही वाद-विवाद एवं सोशियल मीडिया पर विशेष रूप से कैंपेन चलाया जाएगा। इसी के साथ ही सभी स्कूलों प्रार्थना सभाओं में तंबाकू या इससे निर्मित होने वाले उत्पादों का सेवन नहीं करने की शपथ दिलवाई जाएगी।