Bhilwara news : प्रदेश में सरकार बदल गई, लेकिन सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों को नई डायरियां नहीं मिली। कई शिक्षक पूर्ववर्ती शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला की फोटो वाले पेज फाड़कर डायरी काम में ले रहे हैं। हालांकि सरकार ने पुरानी डायरी पर पाबंदी लगा दी, लेकिन अधिकारियों के डर से अध्यापक पुरानी डायरी से काम चला रहे हैं।
भाजपा सरकार ने पूर्व शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला और राज्यमंत्री जाहिदा खान के नाम वाली शिक्षक डायरियों के उपयोग पर पाबंदी लगा दी। नई डायरियां उपलब्ध नहीं कराई है। ऐसे में कई शिक्षक कल्ला की फोटो वाले पेज फाड़कर डायरी से काम चला रहे हैं। उधर, शिक्षक नेता नीरज शर्मा का कहना है कि शिक्षकों को नई डायरी नहीं मिली। ऐसे में वे डायरी में दर्ज किए गए बगैर कार्ययोजना बना रहे हैं। सत्यापन करने कोई अधिकारी पहुंचता है तो मौखिक जानकारी से काम चला रहे हैं।
काम की समीक्षा में सहायक
सरकारी विद्यालयों के हर कक्षाध्यापक व विषयाध्यापक को डायरी मिलती है। इसमें अगले दिन की प्रति कालांश कार्ययोजना दर्ज करता है। डायरी संस्था प्रधान को जमा करा दी जाती है। इससे संस्था प्रधान या निरीक्षक आसानी से जांच सकता है कि कक्षा में शिक्षक डायरी के अनुरूप अध्यापन करवा रहा है या नहीं। इसमें निरीक्षण अधिकारी की टिप्पणी दर्ज होती है।
इस तरह की होती कार्ययोजना
शिक्षक डायरी में हर शिक्षक ना केवल दैनिक बल्कि मासिक व वार्षिक कार्ययोजना बनाकर दर्ज करता है। कौनसे चैप्टर कितने कालांश में पढ़ाए जाने हैं, की जानकारी दी जाती है। विद्यार्थी के अध्ययन समस्या को लेकर अभिभावक से संपर्क, उनसे चर्चा आदि की जानकारी शिक्षक डायरी में दर्ज करनी होती है।
शिक्षक डायरी के लाभ
शिक्षकों के कामकाज की समीक्षा प्रभावित।
डायरी में शिक्षा विभाग की योजनाओं की जानकारी होती है।
विभागीय गतिविधियों की जानकारी होती है, जो शिक्षकों को विद्यालयी गतिविधियों को संचालित करने में सहायक है।
शिक्षकों के कामकाज की समीक्षा का आधार है।
नहीं मिली डायरी
हर साल सरकार डायरी उपलब्ध कराती है, लेकिन इस बार अब तक डायरी नहीं मिली है। हालांकि शिक्षक स्वयं भी लाकर डायरी को मैनटेंन कर सकते हैं।
योगेश चंद्र पारीक, एडीपीसी भीलवाड़ा