बकाया आबियाना वसूली के लिए अब बारी काटने का सहारा

श्रीगंगानगर. गंगनहर क्षेत्र के किसानों से आबियाना की बकाया राशि वसूलने में जल संसाधन विभाग को जोर आ रहा है। सिंचाई पटवारियाें के पद समाप्त कर गिरदावरी और आबियाना वसूली का काम जल उपयोक्ता संगमों को दिए जाने के बाद गिरदावरी और आबियाना वसूली दोनों काम रामभरोसे ही हैं। यही वजह है कि विभाग ने 11 करोड़ से अधिक बकाया आबियाना वसूली के लिए सख्त रवैया अपनाने का फैसला किया है। विभाग के अधीक्षण अभियंता ने गंगनहर उत्तर खंड, दक्षिण खंड और रायसिंहनगर खंड के अधिशासी अभियंताओं को आबियाना जमा नहीं करवाने वाले किसानों की पानी की बारी काटने के निर्देश दिए हैं। आबियाना की वसूली नहीं होने से नहरों की साफ सफाई जल संसाधन वृत श्रीगंगानगर के अधीक्षण अभियंता धीरज चावला का कहना है कि बकाया आबियाना वसूली के लिए कि इससे पहले भी तीनों खंडों के अधिशासी अभियंताओं को अपने अधीनस्थ जल उपयोक्ता संगमों के अध्यक्षों को 15 अक्टूबर 2024 के पश्चात जिन काश्तकारों की तरफ दो या दो से अधिक फसलों का आबियाना बकाया है उनकी सूची प्राप्त कर बारी काटने के आदेश जारी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अपेक्षित वसूली नहीं हुई। अभी भी 11 करोड़ 53 लाख 59 हजार रुपए की वसूली बाकी है। तीनों खंडों के अधिशासी अभियंताओं को अब तक हुई वसूली की जानकारी देने के साथ बकाया आबियाना जमा नहीं करवाने वाले किसानों की सूची जल उपयोक्ता संगमों के अध्यक्षों से प्राप्त कर पानी की बारी काटने के आदेश जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा नहीं करने पर संबंधित अधिशासी अभियंता की व्यक्तिगत जिम्मेदारी मान उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

ऐसे होगी कार्रवाई

जल उपयोक्ता संगमों के अध्यक्ष बकाया आबियाना वाले काश्तकारों की सूची 20 अक्टूबर तक गंगनहर उत्तर खंड, दक्षिण खंड और रायसिंहनगर खंड के अधिशासी अभियंताओं के कार्यालयों में प्रस्तुत करेंगे। सूची मिलने पर 21 से 25 अक्टूबर तक अधिशासी अभियंता बारी काटने के आदेश जारी करेंगे। बारी काटने के बाद 26 अक्टूबर से लेकर 5 नवंबर तक संशोधित बारी लागू करवाई जाएगी।

अध्यक्षों पर कार्रवाई

जल उपयोक्ता संगमों के जो अध्यक्ष बकाया आबियाना वाले किसानों की सूची निर्धारित अवधि में पेश नहीं करेंगे उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। सूची नहीं मिलने पर अधिशासी अभियंता संबंधित अध्यक्ष को सूची पेश करने के बारे में 7 दिन का नोटिस जारी करेंगे। इस अवधि में संतोषजनक जवाब पेश नहीं करने वाले अध्यक्षों के खिलाफ राजस्थान सिंचाई प्रणाली के प्रबंध में कृषको की सहभागिता अधिनियम 2000 व नियम 2002 के अन्तर्गत कार्रवाई की जाएगी।

किसानों को नुकसान

सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त पटवारी मांगीलाल ढकरवाल बताते हैं कि जो किसान समय पर आबियाना नहीं भरते उन्हें ब्याज भी भरना पड़ता है। उन्होंने बताया कि फसल पकने के बाद आबियाना तय होता है। छह माह तक इस पर ब्याज नहीं लगता। उदाहरण के तौर पर खरीफ फसलों के आबियाने पर सितम्बर तक छूट होती है तथा रबी फसलों पर मार्च तक। उसके बाद आबियाना की राशि पर एक रुपया सैकड़ा हर माह ब्याज लगता है। ब्याज दर यही नहीं रहती, उसमें बढ़ोतरी होती जाती है। किसी किसान ने अगर 100 माह तक आबियाना जमा नहीं करवाया तो ब्याज की दर 100 रुपए सैकड़ा हो जाएगी।

कहां कितना बकाया

गंगनहर उत्तर खंड – 436.35 लाख
गंगनहर दक्षिण खंड- 354.79 लाख

रायसिंहनगर खंड- 362.45 लाख

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