Sariska Tiger Reserve: नाथूसर के लोगों को तिजारा में बसाने की प्रक्रिया अटकी, जानें क्यों

अलवर। सरिस्का टाइगर रिजर्व का गांव नाथूसर धीरे-धीरे खाली हो रहा है, लेकिन बसावट में तेजी नहीं आई है। यहां निवास कर रहे 35 परिवार ऐसे हैं जो तिजारा जाने को तैयार नहीं है। सरिस्का प्रशासन ने मनाने की कोशिश की है, लेकिन परिणाम सकारात्मक नहीं आया। इन परिवारों का तर्क है कि वह जंगल से जुड़ाव रखते हैं। उन्हें दूसरी जगह बसाया जाएगा।

सरिस्का में कांकवाड़ी, हरिपुरा, सुखोला, नाथूसर, लोज व क्रास्का गांव हैं। इन गांवों के 90 परिवार तिजारा में पहले ही बस गए थे। नाथूसर को खाली करवाने का काम इसी माह शुरू किया गया है। इससे पहले सरिस्का प्रशासन ने सर्वे किया। 164 परिवार तिजारा बसने को तैयार हुए। बाकी 35 परिवार नहीं जाना चाहते। इनका कहना है कि वह दूसरे उपखंड में बसना चाहते हैं।

तिजारा में मुहैया करानी होंगी सुविधाएं

तिजारा में 700 हैक्टेयर जमीन इन छह गांवों के लिए आरक्षित की गई है। लोगों का यहां बसाव शुरू हो गया, लेकिन सुविधाओं का अभाव है। तिजारा में बसे लोगों का प्रशासन से कहना था कि बिजली, पानी, सड़क, घर की सुविधा मुहैया कराई जाए।

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सरिस्का प्रशासन का दावा, जल्द मिलेगी सफलता

नाथूसर के 35 परिवार तिजारा जाने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है। जल्द ही सफलता मिलेगी।
-अभिमन्यु सहारण, डीएफओ, सरिस्का टाइगर रिजर्व

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