जयपुर । उत्तर पश्चिम रेलवे जोन ने एक नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सिग्नल फेल होने की समस्या को पूरी तरह से खत्म करने की कवायद शुरू की है। इस प्रणाली के तहतए हर सिग्नल को स्मार्ट सेंसर से लैस किया जाएगा जो रियल टाइम में स्थिति को मॉनिटर करते हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह कदम न केवल सुरक्षा बढ़ाएगा बल्कि यात्रियों को बेहतर रेलयात्रा का अनुभव भी कराएगा। अब रेल यात्रियों को सिग्नल फेल के डर से मुक्त होकर यात्रा करने की सुविधा जल्द मिलेगी।
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जयपुर रेल मंडल से शुरूआत
जानकारी के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे अब ट्रेन हादसों को रोकने के लिए कई नए कदम उठा रहा है। इसके तहत रेलवे सिग्नल सिस्टम को अपग्रेड करने पर जोर दिया जा रहा है। प्रदेश में इस अपग्रेडेशन का पायलट प्रोजेक्ट सबसे पहले जयपुर मंडल से शुरू होने वाला है। जिसका मुख्य उद्देश्य पूरे नेटवर्क में सुरक्षा और दक्षता दोनों को बढ़ाना है। कई बार मानवीय भूल या सिग्नल फेल होने के कारण होने वाले ट्रेन हादसे में न केवल मानव जीवन को नुकसान होता है बल्कि रेल संपत्ति को भी हानि पहुंचती है।
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एमपी के बाद राजस्थान का नंबर
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे अब सिग्नल सिस्टम को अपग्रेड करेगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस प्रोजेक्ट की शुरुआत देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश के रतलाम मंडल में की गई थी और अब इसे उत्तर पश्चिम रेलवे में भी लागू किया जाएगा। इसके साथ ही असामाजिक तत्वों द्वारा सिग्नल के साथ की गई छेड़छाड़ का पता लगाने में भी आसानी होगी। जिससे तत्काल कार्रवाई कर दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।
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इस तरह सिस्टम में अपग्रेडेशन
एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि ट्रेन को एक से दूसरी लाइन पर लाने के लिए पॉइंट मशीन का उपयोग किया जाता है। इस दौरान कई बार मानवीय भूल या सिग्नल फेल होने से दुर्घटनाएं हो जाती हैं। इसे रोकने के लिए सिग्नल प्रणाली को अपग्रेड करते हुए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से कंप्यूटरीकृत डायरेक्ट ड्राइव से जोड़ा जाएगा। इस सिस्टम से सिग्नल फेल होने की आशंका नगण्य हो जाएगी।