RJS 2024: आशा शर्मा की आरजेएस में 20वीं रैंक, दौसा की इन बेटियों ने भी लहराया सफलता का परचम

Dausa News: दौसा। राजस्थान न्यायिक सेवा के रविवार को घोषित परिणाम में दौसा जिले की बेटियों ने सफलता का परचम लहराया है। दौसा की आशा शर्मा ने राजस्थान में बीसवीं रैंक हासिल की है। वहीं पारुल मीना, रसना मीना, श्वेता मीना को भी सफलता मिली है। इधर, लोक अभियोजक व राजकीय अधिवक्त गोपाललाल शर्मा, एडवोकेट सुनील शर्मा सहित अन्य ने आशा के परिवारजनों को बधाई दी।

शहर की ब्रह्मपुरी कॉलोनी निवासी आशा शर्मा पुत्री मोहनलाल शर्मा ने आरजेएस के परीक्षा परिणाम में बीसवीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की है। शर्मा को दूसरे प्रयास में सफलता मिली है। आशा ने वनस्थली विद्यापीठ से एलएलबी और राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलएम की है और निवाई में पीहर है।

आशा शर्मा की 20वीं रैंक

28 वर्षीय आशा की शादी को करीब चार साल हो गए तथा ससुरालजनों के सहयोग से लगातार पढ़ाई करती रही। पहले प्रयास में इंटरव्यू में रह गई थी। अब सफलता मिलने पर परिवार में खुशी छा गई। पति सॉफ्टवेयर इंजीनियर अदित शर्मा, दादी ससुर बुद्धालाल गिरदावर, ससुर दिनेशचंद्र शर्मा वरिष्ठ अध्यापक तथा सास अलका शर्मा ने परिणाम की सूचना मिलते ही खुशी जताई तथा मुंह मीठा कराकर आशा को बधाई दी। हालांकि अब परिवार जयपुर में रहता है।

पारुल का सपना हुआ साकार

दौसा। सिकराय तहसील के खेड़ी गांव की निवासी पारुल मीना ने आरजेएस के परीक्षा परिणाम में सफलता हासिल कर बचपन का सपना साकार कर लिया है। पारुल के पिता केसी मीना भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं तथा दो बहनें भी तीन साल पहले आईएएस बनी थी। पारुल का यह दूसरा प्रयास था, पिछ्ली बार इंटरव्यू तक पहुंची थी। मुम्बई से 5 वर्षीय कोर्स पूरा करने के बाद आरजेएस की तैयारी में जुटी हुई थी। वर्तमान में पारुल वन विभाग के मुख्यालय में ही 3 महीने से कनिष्ठ विधि अधिकारी के पद पर कार्यरत है। सफलता में माता उगंती देवी एवं भाई अमित का विशेष सहयोग रहा है। पारुल की रैंक 196वीं है।

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रसना कोरोना काल में भी घर नहीं आई

रसना मीना ने हाईकोर्ट द्वारा घोषित राजस्थान ज्यूडिशियल सर्विस के परीक्षा परिणाम में 143 अंक प्राप्त करते हुए 185वीं रैंक प्राप्त की है। रसना मीना ने बताया कि उसने जयपुर में अकेले रहकर सेल्फ स्टडी की है। एलएलबी सेकेंड ईयर के दौरान कोराना काल होने के बाद भी वह अपने घर नहीं गई औैर फाइनल ईयर के साथ ही पहले प्रयास में साक्षात्कार तक पहुुंची थी। विभागीय व अध्ययन कार्य के अलावा कभी मोबाइल फोन का बेवजह उपयोग नही किया। फेसबुक व इस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म से तो पूरी तरह दूर ही रही।

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श्वेता को दूसरे प्रयास में मिली सफलता

लवाण. नगरपालिका मुख्यालय पर स्थित बीड़ की ढाणी में श्वेता मीणा आरजेएस परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर ग्रामीणों ने खुशी का इजहार किया। उन्होंने माला व साफा पहनाकर स्वागत किया। ढाणी में खुशी का माहौल हो गया और घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। श्वेता मीणा ने बताया कि 2019 से आरजेएस की तैयारी गांव से ही ऑनलाइन कर रही थी। न्यायिक अधिकारी बनने की ठानकर घर पर पशुओं सहित घर का काम कर मां के कार्य मूल हाथ भी बंटाती थी।

उसके पिताजी मीठालाल मीणा उत्तर पश्चिम रेलवे में मुख्य कार्यकारी अधिकारी वाणिज्य कर विभाग में अधिकारी हैं। फिर वह पिता के साथ जयपुर रहकर टोंक फाटक कोचिंग में तैयारी करने लग गई और गांव में आना-जाना भी बंद कर दिया। नेट पर केवल न्यायिक अधिकारियों के बारे में ही जानकारी लेती थी। उन्हें पढ़ाई के साथ अखबार पढ़ते का शौक भी था। उसे दूसरे प्रयास में आरजेएस में सफलता मिली है। श्वेता मां गांव में रहकर खेती-बाड़ी का काम करती है।

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