पशुपालन व डेयरी व्यवसाय ने बदला आजीविका चलाने का नया तरीका

पश्चिमी राजस्थान में भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले के निवासियों का मुख्य व्यवसाय कृषि व पशुपालन है। वर्षों से लोग कृषि करने के साथ मवेशी पालन कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। समय के साथ हुए परिवर्तन केे चलते सरकार की ओर से कई योजनाएं भी शुरू की गई हैं। जिससे किसानों व पशुपालकों को संबल मिला है। इन योजनाओं के माध्यम से किसान व पशुपालक नई तकनीकी के साथ नवाचार भी कर रहे हैं। साथ ही पशुधन व डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार प्रेरित कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं संचालित करने के साथ कई योजनाओं पर अनुदान भी दिया जा रहा है।

इन योजनाओं का संचालन

केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से किसानों के साथ पशुपालकों के लिए कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही है। गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, राष्ट्रीय पशुधन बीमा योजना, डेयरी इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम जैसी योजनाएं संचालित की जा रही है। इसी प्रकार आहार संतुलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत पशुओं को दिए जाने वाले आहार को लेकर पशुपालकों को जानकारी दी जा रही है।

ऑनलाइन भी मिल रहे पशु

पशुपालकों के लिए सरकार की ओर से ई-पशु हाट पोर्टल भी संचालित किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत किसान घर बैठे मवेशी खरीद व बेच सकते हैं। सरकार की ओर से किसानों व उद्यमियों को डेयरी कारोबार में एक साथ लाने के लिए पोर्टल के माध्यम से एक साथ लाने का कार्य किया जा रहा है। यही नहीं इस पोर्टल के माध्यम से एक से दूसरे राज्य में भी पशु की खरीद व बिक्री की जा सकती है।

डेयरी फार्मिंग के साथ इनमें रुचि

सरहदी जिले के पोकरण क्षेत्र में सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए किसान पशुपालन के क्षेत्र में आगे आ रहे हैं। क्षेत्र में कृषि के साथ मुर्गीपालन, मछली पालन, बकरी पालन का कार्य करने लगे हैं। जिसके लिए सरकार की अलग-अलग योजनाओं में उन्हें अनुदान मिल रहा है और ऋण देकर सहयोग भी किया जा रहा है।

मुद्रा ऋण से खरीदी गायें, चला रहे डेयरी फार्म

कृषि विज्ञान केन्द्र पोकरण के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ.रामनिवास ढाका ने बताया कि पोकरण क्षेत्र में कई किसानों व पशुपालकों की ओर से सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जा रहा है। क्षेत्र के रामदेवरा निवासी किसान प्रेमसिंह तंवर ने भारत सरकार के मुद्रा योजना के तहत 6 लाख रुपए ऋण लिया। इस राशि से उसने 40 गायों की खरीद की और डेयरी फार्म स्थापित किया। जिससे अब किसान तंवर को प्रतिवर्ष 6 लाख रुपए की आय हो रही है। उन्होंने बताया कि मुद्रा ऋण योजना में छोटे उद्यमियोंं को केन्द्र सरकार की ओर से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है।

हर समय उपलब्ध, लें जानकारी

पशुपालन वैज्ञानिक डॉ.ढाका ने बताया कि पोकरण में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं की पूरी जानकारी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के कोई भी किसान या पशुपालक यहां पहुंचकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही उन्हें पूरी जानकारी उपलब्ध करवाकर पूरा सहयोग किया जाएगा।

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