Rajasthan News: प्रदेश के करीब दो हजार संविदाकर्मियों का 12 साल से आर्थिक शोषण हो रहा है। ये कर्मचारी केजीबीवी (कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय) में विभिन्न पदों पर नियुक्त हैं। जिनके मानदेय में 12 साल से कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। यही नहीं कई जिलों में तो प्लेसमेंट एजेंसी उस मानदेय में भी कटौती कर रही है। लिहाजा न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय के साथ आर्थिक परेशानी झेल रहे इन कर्मचारियों में आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है।
केजीबीवी में नियुक्त संविदाकर्मियों को मानदेय प्रदेश की न्यूनतम मजदूरी से भी कम मिल रहा है। राज्य में अकुशल कर्मचारियों से लेकर उच्च कुशल मजदूरों तक की न्यूनतम मजदूरी 7,410 से 9,334 रुपये तक तय है। जबकि केजीबीवी में संविदा पर नियुक्त लिपिक को 6500, सहायक कर्मचारी को 4500, चौकीदार व हेड कुक को पांच-पांच हजार व सहायक कुक को 4600 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में नियुक्त संविदाकर्मियों का अब तक एक बार ही वेतन बढ़ा है।
वहीं दूसरी तरफ राज्य कर्मचारियों को बोनस के भुगतान की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो जाएगी, वहीं वेतन इस बार 30 अक्टूबर को मिल जाएगा। सेवानिवृत अधिकारियों व कर्मचारियों को पेंशन का भुगतान भी 30 अक्टूबर को कर दिया जाएगा। कर्मचारियों को बोनस देने के आदेश राज्य सरकार 13 अक्टूबर को ही जारी कर चुकी है। यह आदेश दिल्ली स्थित राजस्थान सरकार के कार्यालयों पर भी लागू होगा।
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