दिवाली का त्योहार वैसे तो हर किसी के लिए खुशियों का संदेश लेकर आता है लेकिन इस मौके पर की जाने वाली आतिशबाजी से कई बार आग लगने की चिंता में डालने वाली घटनाएं भी सामने आती हैं। ऐसे में जैसलमेर नगरपरिषद ने इस बार सोनार दुर्ग के परकोटे की दीवार पर बने पे पर उगी हुई घास की कटाई का काम दिवाली से पहले शुरू करवाया है। दुर्ग के चारों ओर आग की बिसात को बिछने से रोकने का हाथ में लिया है। नगपरिषद ने शिव मार्ग से लगते सोनार दुर्ग के परकोटे पर घास काटने का काम करने के लिए श्रमिक लगा दिए हैं। वे आने वाले दिनों में पूरे परकोटे से घास को काटने की कार्रवाई को अंजाम देंगे। गौरतलब है कि इस बार मानसून के दौरान हुई अच्छी बारिश से जहां जिले भर में मवेशियों के लिए घास-पानी की व्यवस्था हो रखी है। इसी तरह से सोनार दुर्ग के परकोटे की दीवार के ऊपर पे के चारों तरफ परिधि क्षेत्र पर अच्छी बारिश के कारण उगी हुई घास अब तक पूरी तरह से सूख चुकी है।
पूर्व में हो चुके हैं कई हादसे
विगत वर्षों के दौरान मानसून काल में पूरे किले के बाहरी भाग में उगी घास को दिवाली से पहले नहीं कटवाए जाने के कारण पर्व पर की जाने वाली आतिशबाजी की चिंगारियों की चपेट में आने से वहां आग लगने की घटनाएं घटित होती रही हैं।
पूर्व की भांति इस बार भी दुर्ग के बाहरी क्षेत्र में ऊंची और सघन घास बारिश के दौरान प_ा क्षेत्र में हरी-हरी घास उग आई थी। समय के साथ वह घास पूरी तरह से सूख चुकी है। इस पूरे क्षेत्र में एक-डेढ़ फीट ऊंची तथा सघन घास उगी हुई है।
पूर्व में जहां हरी घास के चलते दुर्ग का नजारा आकर्षक हुआ करता था, लेकिन अब सूख जाने के बाद यह किले की सुंदरता को भी प्रभावित कर रही है।
घास के कारण दुर्ग के चारों तरफ लगी लाइटें भी प्रभाव नहीं छोड़ पाती। घास की ओट में आ जाने से दुर्ग को रात के समय प्रकाशमान करने की मंशा पूरी नहीं हो पाती है।
इसी तरह से दिवाली से पहले घास की कटाई नहीं करवाए जाने पर वहां आग लगने की घटना होने पर लाइटें व उनकी वायरिंग के नष्ट होने का भी खतरा रहता है।
पत्रिका व्यू : आमजन भी रखें ध्यान
दिवाली की रात चलाए जाने वाले पटाखों विशेषकर रॉकेट आदि के कारण शहर के अलग-अलग हिस्सों में आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं। कई बार आग लगने की वजह लापरवाही से की जाने वाली आतिशबाजी बनती है। त्योहार की रात और उसके अगले दिन भी कुछ लोग बीते वर्षों के दौरान मनमाने ढंग से खतरनाक साबित होने की आशंका रखने वाले पटाखों को छोड़ते हैं। वे किसी भी घर की छत या खुले स्थान पर जाकर आग भडक़ाने का काम कर देते हैं। कई बार इन पटाखों की चपेट में व्यवसायियों के गोदाम और पशु बाड़े आदि आ जाते हैं। ऐसे में लोगों विशेषकर युवाओं को त्योहार की खुशी मनाते समय जिम्मेदारी का भाव रखते हुए आतिशबाजी करनी चाहिए। उन्हें दु:साहस का प्रदर्शन कतई नहीं चाहिए ताकि वे स्वयं भी सुरक्षित रहें और दूसरों का भी नुकसान नहीं हो।
फैे्क्ट फाइल
-2 वार्ड में बंटा है जैसलमेर का ऐतिहासिक सोनार किला
-़450 परिवार निवास करते हैं दुर्ग के भीतर मोहल्लों में
-4 दर्जन से अधिक व्यापारिक प्रतिष्ठान भी हो रहे संचालित
-12 के करीब पर्यटन स्थल मौजूद है ऐतिहासिक सोनार किले में
समय पर शुरू करवाई कटाई
नगरपरिषद की तरफ से दुर्ग के चारों तरफ उगी हुई घास की कटाई का काम शुरू करवा दिया गया है। दिवाली के त्योहार से पहले घास कटवाए जाने से वहां आतिशबाजी की चिंगारी आदि से आग लगने की आशंका नहीं रहेगी।
हरिवल्लभ कल्ला, सभापति नगरपरिषद, जैसलमेर