Rajasthan News: DAP किल्लत के बीच सरकार ने दिए ये विकल्प, लेकिन किसानों को नहीं आ रहे रास

सवाईमाधोपुर। इस बार पूरे प्रदेश सहित जिले में किसान डीएपी की किल्लत झेल रहे हैं। पूरे प्रदेश में डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की सरकारी आपूर्ति नहीं होने से किसान परेशानी में आ गए हैं। हालांकि कृषि विभाग की ओर से डीएपी के बदले यूरिया सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है, लेकिन दोनों ही किसानों को वर्तमान में रास नहीं आ रहे हैं।

इन दिनों जिले में रबी फसल की बुवाई का समय निकल रहा है और किसानों को इस वर्ष अब तक बाजार में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो रहा है। इसके चलते किसानों को फसलों की बुवाई व कम उपज को लेकर चिंता सता रही है। कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए किसानों की ओर से फसल बुवाई से पहले डीएपी खाद जमीन में डाली जाती है। उसके बाद फसल की बुवाई की जाती है।

सहकारी समितियों में खाली पड़े गोदाम

प्रति वर्ष सितंबर तक सरकार की ओर से बाजार में डीएपी उपलब्ध करवाई जाती है। निजी कंपनियों के माध्यम से कुछ डीएपी की किस्म व सहकारी संस्थाओं के माध्यम से डीएपी किसानों को आपूर्ति की जाती है और किसानों की ओर से 15 से 31 अक्टूबर तक डीएपी खेतों में डालकर 15 नवंबर तक फसल बुवाई का कार्य किया जाता है। इस वर्ष अब तक डीएपी बाजार में उपलब्ध नहीं होने से किसानों को परेशानी हो रही है। ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गोदाम खाली पड़े है।

किसानों को रास नहीं आ रहा विकल्प

सरकार की ओर से डीएपी की आपूर्ति अभी तक नहीं की गई है। डीएपी की जगह वैकल्पिक तौर पर नाइट्रोजन फास्फोरस व पोटेशियम एनपीके और सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) अपने खेतों में डालने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। उधर, किसान वर्षों से डीएपी का उपयोग करते आ रहे है। ऐसे में वे वैकल्पिक खाद लेने से कतरा रहे हैं और वे डीएपी की मांग कर रहे हैं।

ये बोले काश्तकार…

मांग के अनुरूप डीएपी मंगवाया जाए प्रतिवर्ष खेतों में रबी की बुवाई से पूर्व डीएपी डाला जाता है लेकिन इस वर्ष अब तक डीएपी कहीं पर भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में उपज भी कम होने की आशंका है। सरकार को किसानों की मांग के अनुरूप डीएपी मंगवाकर आपूर्ति करनी चाहिए।
-उपेन्द्र सिंह राजावत, किसान,पीपलवाड़ा

नहीं हो रही आपूर्ति

खाद कंपनियों की ओर से अब तक डीएपी की आपूर्ति नहीं की गई है। एनपीके व एसएसपी जैसी वैकल्पिक खाद उपलब्ध करवाई जा रही है, जबकि वर्षों से रबी की बुवाई के दौरान केवल डीएपी खाद का ही उपयोग करते आ रहे हैं। सरकार को किसानों की मांग के अनुसार डीएपी उपलब्ध करवाना चाहिए।
-बनवारी लाल मीना, किसान, बड़ौद

इनका कहना है…

पूरे प्रदेश में इस बार डीएपी की किल्लत है। जिले में 18 हजार मीट्रिक टन डीएपी की मांग की है। डीएपी नहीं आने से किसानों को लगातार यूरिया व सिंगल सुपर फॉस्फेट खाद का उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
-रामराज मीणा, संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार सवाईमाधोपुर

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