त्योहारी सीजन : बेतरतीब पार्किंग बन रही इन बाजारों की किरकिरी, जिम्मेदारों को फिक्र ही नहीं

Diwali 2024 : पाली। कहने को तो सरकारी अधिकारी नगरीय विकास के लिए करोड़ों की योजना बनाकर धरातल पर ले तो आते हैं लेकिन इसका लाभ आमजन को कितना मिल रहा है। इस बात की किसी को फिक्र नहीं है। जब बात बाजार में ट्रैफिक जाम की आती है तो त्योहारी सीजन में यह और अधिक प्रासंगिक हो जाती है। पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से वाहन चालक सड़कों पर कब्जा कर लेते हैं। इससे शहर के बाजारों में पैदल चलना तो दूर वहां खड़े रहना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसा लगता है बाजार में आने वालों की इन सब परेशानियों को लेकर नगर निगम, यातायात पुलिस को तो कोई चिंता ही नहीं है। खैर सच कुछ भी हो, लेकिन पत्रिका टीम ने जब बाजारों की पार्किंग और मुख्य मार्गों का अवलोकन किया तो प्रशासन के मुस्तैदी की सच्चाई सामने आ गई।

शहर के परंपरागत बाजार

सर्राफा बाजार, बाईसी बाजार, उदयपुरिया बाजार, धानमंडी, रुई कटला, बादशाह का झंडा, घी का झंडा, पुरानी सब्जी मंडी, सोमनाथ मंदिर, धौला चौंतरा होते हुए सूरजपोल तक शहर के प्रमुख परंपरागत बाजार हैं। इन बाजारों में आने वालों को कितनी परेशानी होती है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। हालांकि नगर निगम ने व्यापारियोें के वाहन की पार्किंग के लिए जूनी कचहरी में पार्किंग की व्यवस्था की है। लेकिन इसका उपयोग कोई नहीं कर रहा है।

नए रूप में बाजार, समस्या वही

मुख्यत: शहर के नियोजित क्षेत्र जिनमें नया गांव से अहिंसा द्वार, अहिंसा द्वार से सूरजपोल, हाउसिंग बोर्ड से अंबेडकर सर्किल एवं अंबेडकर सर्किल से पणिहारी चौराहा क्षेत्र में भी रहवासी क्षेत्रों के साथ बाजार विकसित हुए हैं। लेकिन इन बाजारों में पार्किँग का ग्रहण लगा हुआ है। इन प्रमुख मार्गों पर कई जगह ‘नोपार्किंग’ का बोर्ड लगे हैं। लेकिन नो पार्किंग के बोर्ड तले बड़ी संख्या में दुपहिया वाहन खड़े मिल जाएंगे।

अहिंसा द्वार के निकट

शहर के व्यस्त मार्ग पर बैंक एवं बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं। यहां नो पार्किंग का बोर्ड लगा हुआ है। फिर भी कई बार यहां इतने वाहन खड़े हो जाते हैं कि यहां वाहन रखने की जगह नहीं मिलती और लोग सड़क पर ही वाहन खड़े कर देते हैं। इस क्षेत्र में कुछ व्यापारियों ने भी अपनी दुकानों के आगे सामान रख कर अतिक्रमण कर लिया है।

मस्तान बाबा दरगाह क्षेत्र

पाली के इस प्रमुख मार्ग पर भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं। लेकिन पार्किंग की सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। यहां स्थिति ऐसी हो गई है कि लोग मजबूरी में यहां वाहन खड़े करते हैं। कई बार तो इन वाहनों की लाइन सड़क तक पहुंच जाती है। जबकि नया बस से पणिहारी चौराहा तक का यह प्रमुख मार्ग जो आगे जाकर जयपुर-अहमदाबाद बाईपास से मिलता है।

कॉलेज रोड/नहर पुलिया

जयपुर-अहमदाबाद हाईवे से जुड़े इस बाइपास पर के दोनों पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इस मार्ग पर भी ठेले वाले खड़े होने से वाहन रखने में काफी परेशानी होती है। कई बार दुकानों के आगे वाहन खड़े कर देने से न केवल व्यवसायियों को परेशानी होती है। यहीं इस मार्ग पर पार्किंग की व्यवस्था कर दी जाए तो यह एक बेहतरीन बाजार के रूप में विकसित हो सकता है।

सूरजपोल चौराहा से लोढ़ा स्कूल

इस बाजार में अस्पताल के बाहर कार स्टैण्ड बन गया है। लम्बे समय से लोगों ने ठेले व केबिन लगा रखे है। अस्पताल के ठीक सामने रोड पर भी दुकानों के बाहर अतिक्रमण कर रखे हैं। इसी प्रकार शाम को नाश्ते के ठेले खड़े होने से यहां ग्राहकों की चहल पहल बढ़ जाती है। इससे यहां भी पार्किंग की समस्या से दो-दो हाथ करने पड़ते हैं।

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