राजस्थान हाईकोर्ट एक मामले में आदेश देते हुए कहा कि सेवाकाल में वेतन के रूप में किए गए अधिक भुगतान की सेवानिवृत्ति के बाद वसूली नहीं की जा सकती। नियमानुसार वेतनमान संशोधित किया जा सकता है, लेकिन कर्मचारी की गलती नहीं होने के कारण सेवानिवृत्ति बाद वसूली गलत है।
साथ ही, वसूली आदेश रद्द करते हुए याचिकाकर्ता को बकाया परिलाभ का 3 माह में भुगतान करने को कहा। न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने रेखा शर्मा की याचिका पर यह आदेश दिया।
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अधिवक्ता सौगत रॉय ने बताया कि याचिकाकर्ता जुलाई 2016 में प्रिंसिपल पद से रिटायर हुई, लेकिन 10 नवंबर, 2016 को आदेश जारी कर वसूली निकाल दी।
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