देश में अनूठी है बिसाऊ की रामलीला, यहां राम व रावण आपस में नहीं करते संवाद

रामलीला तो आपने देश में बहुत से देखी होगी, लेकिन आज हम आपको ऐसी रामलीला के बारे में बता रहे हैं, जहां राम व रावण आपस में बोलते नहीं। केवल इशारों में ही बात करते हैं। इसी प्रकार ना सीता बोलती है ना ही भरत व लक्ष्मण। यहां तक की युद्ध के दौरान मंथरा व कैकेई भी इशारों में ही अपनी बात करती है।

यह अनूठी रामलीला होती है राजस्थान के झुंझुनूं जिले के बिसाऊ कस्बे में। बिसाऊ की इस रामलीला को मूक रामलीला के नाम से जाना जाता है। लगभग 15 दिन तक चलने वाली इस मूक रामलीला को देखने पूरे भारत से लोग पहुंचते हैं। बताया जाता है कि यहां मूक रामलीला आज से नहीं, बल्कि लगभग 200 साल से ज्यादा समय से चलती आ रही है।

मूक रामलीला में हुआ बाली का वध

बिसाऊ की मूक रामलीला में मंगलवार को राम-सुग्रीव की मित्रता और बाली वध की लीला का मंचन किया गया। इसमें दिखाया गया कि राम विलाप करते हुए सीताजी की खोज में निकल जाते हैं। इसी दौरान उन्हें घायल अवस्था में पक्षीराज जटायु दिखते हैं। वह उन्हें बताते हैं कि रावण नाम का राक्षस सीता का हरण कर दक्षिण दिशा की तरफ गया है। राम दक्षिण दिशा की तरफ बढ़ जाते हैं। रास्ते में शबरी के मीठे बेर खाते हैं। आगे चलकर उनकी मुलाकात हनुमानजी से होती है। हनुमान अपनें कंधों पर बैठाकर राम-लक्ष्मण को ऋष्यमूक पर्वत पर ले जाते हैं। जहां राम-सुग्रीव की मित्रता हो जाती है। राम के कहने पर सुग्रीव बाली को ललकारता है और राम बाली का वध कर देते हैं। सुग्रीव को किष्किंधा का राजा घोषित कर दिया जाता है। राम की भूमिका में हर्ष शर्मा, लक्ष्मण की भूमिका में मानस दाधीच, हनुमान की भूमिका में सुरेश सैनी, सुग्रीव की भूमिका में हेमन्त सैनी, बाली की भूमिका में तनूज शर्मा, अंगद की भूमिका में मोहित अग्रवाल, तारा की भूमिका में अकिंतपौद्धार ने लीला का मंचन किया। मूक रामलीला में बुधवार को माता सीता की खोज एवं लंका दहन की लीला का मंचन होगा।

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