राजस्थान सरकार विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के लिए बालक-बालिकाओं के लिए दूध, भोजन, पोशाक सहित कई तरह की योजनाओं का संचालन कर रही है। इन योजनाओं में दूध योजना का नाम बदलने के बाद भी बालकों को नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद से दूध नहीं मिल रहा है। मिड डे मील योजना के तहत बालकों को मिलने वाले भोजन की राशन सामग्री का भी जिले में कुछ जगहों पर वितरण प्रभावित हो रहा है। पूर्ववर्ती सरकार के समय शुरू हुई मुख्यमंत्री बाल गोपाल दूध योजना के तहत स्कूलों में दूध पाउडर सत्र शुरू होने से पहले ही समाप्त हो गया था। गिने-चुने स्कूलों में जहां दूध पाउडर बचा है, वह अवधि पार हो गया। प्रदेश में नई सरकार का गठन होने के बाद बाल गोपाल दूध योजना का नाम बदल कर पन्नाधाय बाल गोपाल दूध योजना शुरू की गई है। लेकिन इस योजना मेें अभी दूध पाउडर की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। संस्था प्रधानाें से कक्षा एक से आठ तक नामांकित बालकों की सूची मांगी गई है। इससे लगता है अगले महिने तक दूध पाउडर की आपूर्ति हो सकती है।
पहली योजना बंद, दूसरी में नहीं आया दूध
प्रदेश में नई बनी सरकार ने मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना दूध की समीक्षा करते हुए पहले बच्चों को पौष्टिक अनाज देने को लेकर मानस बनाया। लेकिन कई महीने तक इसे नहीं दिया। इसके बाद सरकार ने पहले की तरह दूध पाउडर देने का निर्णय किया है। लेकिन जुलाई माह से शुरू हुए शैक्षणिक सत्र के बाद आज तीसरा महीना बीतने को आया है। लेकिन अब तक सरकार ने ना तो विद्यालयों में ताजा दूध और ना ही पाउडर उपलब्ध करवाया है।
विद्यालय में खत्म हुआ दूध पाउडर
सरकार ने अंतिम बार अप्रैल महीने में पाउडर उपलब्ध करवाया। अधिकांश विद्यालय में खत्म हो चुका है। कुछ विद्यालय में स्टॉक में है तो उसकी एक्सपायरी डेट निकल चुकी है। इस पर वह उपयोग में लेने जैसा नहीं है। विद्यालयों से छात्रों के नामांकन की रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत शुरुआत के वर्षों में सरकार ने ताजा दूध उपलब्ध करवाया था। लेकिन इसके बाद इसे लेकर कई तरह की दिक्कतें आने पर सरकार ने विद्यालय में दूध पाउडर उपलब्ध करवाने का निर्णय किया था।