– जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में इंदिरा गांधी नहर परियोजना का रेग्यूलेशन तय
– नवम्बर व जनवरी में होगी पानी की उपलब्धता की समीक्षा
– पानी की पर्याप्त उपलब्धता के अभाव में घट सकता है गेहूं बिजाई
खाजूवाला. इन्दिरा गांधी नहर परियोजना के प्रथम चरण का रेग्यूलेशन निर्धारण करने के लिए सोमवार को जल परामर्शदात्री समिति की बैठक जंक्शन स्थित जल संसाधन विभाग (उत्तर) के मुख्य अभियंता कार्यालय में हुई। मुख्य अभियंता प्रदीप रुस्तगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में करीब तीन घंटे तक रेग्यूलेशन पर मंथन किया गया। जल संसाधन विभाग के प्रस्ताव को समिति सदस्यों तथा किसान प्रतिनिधियों ने यह कहकर नकार दिया कि इससे तो काश्तकार ढंग से फसलों की बुवाई भी नहीं पाएंगे। विभाग पर्याप्त पानी देकर फसलों की बुवाई करवा दे, बाद की बाद में देखी जाएगी। कांग्रेस सांसदों और विधायकों ने कहा कि किसानों की पानी संबंधी डिमांड सरकार के संज्ञान में भी लाई जाए ताकि पंजाब सरकार से बात कर किसानों को राहत दिलाई जा सके।
आखिरकार दोनों पक्षों की लम्बी बहस, तथ्यों की पड़ताल व पुराना रेकॉर्ड खंगालने आदि के बाद जल संसाधन विभाग के प्रस्ताव के अनुसार ही रेग्यूलेशन निर्धारित किया गया। बीच में दो बार समीक्षा बैठक कर पानी की उपलब्धता के आधार पर निर्णय करने पर सहमति जताई गई। बैठक में सांसद कुलदीप इंदौरा, बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम, हनुमानगढ़ विधायक गणेशराज बंसल, पीलीबंगा विधायक विनोद गोठवाल, रायसिंहनगर विधायक सोहनलाल नायक, अनूपगढ़ विधायक शिमला नायक, सूरतगढ़ विधायक डूंगरराम गेदर, खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ, भारतीय किसान संघ रावला के प्रेम देहड़ू आदि ने रेग्यूलेशन पर चर्चा कर सुझाव दिए।
इस पर सहमति
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता प्रदीप रुस्तगी ने बताया कि बैठक में विभाग ने रबी सीजन में 4 बारी सिंचाई पानी देने का प्रस्ताव रखा। इसमें 1 अक्टूबर से 21 नवंबर 2024 तक तीन में से 1 समूह में 2 बारी और 21 नवंबर से 28 जनवरी 2025 तक चार में से 1 समूह में 2 बारी देने की बात कही। समिति सदस्यों ने तीन में से 1 समूह की नहरें चलाकर 5 बारी की डिमांड की। लम्बी चर्चा के बाद नवंबर 2024 और जनवरी 2025 में जल परामर्शदात्री समिति की रिव्यू बैठक करने पर सहमति बनी। रिव्यू बैठकों में बांधों में पानी की उपलब्धता के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। पौंग और रणजीत सागर बांध में पानी की आवक बढ़ेगी तो जनप्रतिनिधियों की डिमांड के अनुसार 5 बारी दी जाएगी और आवक में सुधार नहीं हुआ तो विभाग के प्रस्ताव के अनुसार 4 बारी ही मिलेगी।
डायवर्सन से पानी की नहीं उम्मीद
मुख्य अभियंता रुस्तगी ने कहा कि फिलहाल तकनीकी रूप से चार में से दो समूह चलाया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में रणजीत सागर बांध में बिलकुल पानी नहीं है। इसलिए डायवर्सन से पानी मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसी स्थिति में जब डायवर्सन से पानी मिलने की कोई उम्मीद नहीं है और पंजाब की खुद की डिमांड है, एकमात्र पोंग बांध ही सोर्स है, चार में से दो ग्रुप चलाना असंभव है। किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि अक्टूबर में गेहूं की बिजाई के समय चार में से दो ग्रुप व उसके बाद तीन में से एक ग्रुप चलाए जाने का प्रस्ताव सरकार को भिजवाया जाए। यदि प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगती है तो किसान संघर्ष करने को मजबूर होगा।