जिले सहित पूरे राजस्थान की गोशालाओं में रहने वाले गोवंश को अब पहले से बेहतर चारा, पानी व छाया की व्यवस्था हो सकेगी। गोशालाओं पर खर्च होने वाली राशि को सरकार ने बढ़ाया है। राजस्थान सरकार ने पंजीकृत गोशालाओं में संधारित गोवंश के लिए दी जाने वाली अनुदान राशि में 10 प्रतिशत की वृद्धि का निर्णय लिया है। यह वृद्धि आगामी एक अक्टूबर से प्रभावी होगी। इससे जिले की लगभग 80 से ज्यादा गोशालाओं को फायदा मिलेगा। जिले में पिछली बार 76 गोशालाओं को अनुदान का फायदा मिला था।
अनुदान से पहले होती है जांच
अनुदान देने से पहले गोशालाओं की जांच की जाती है। इसके लिए एक कमेटी भौतिक सत्यापन करती है। इसके बाद आवेदनों की जांच की जाती है। इसके बाद जिला गोपालन समिति की बैठक होती है। इसकी अध्यक्षता जिला कलक्टर करते हैं। गोशालाओं से जुड़े पदाधिकारियों को भी इसमें बुलाया जाता है। इसके बाद अनुदान गोशाला के बैंक खाते में डाल दिया जाता है। वहीं गोशाला के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार का यह अच्छा निर्णय है, इससे फायदा होगा। महंगाई के बीच गोशालाओं का संचालन करना मुश्किल हो रहा है। चारा महंगा हो गया है। ऐसे में गोशाला संचालकों का कहना है कि अनुदान में बढ़ोतरी हर बार होती रहे तो व्यवस्थाएं पहले से बेहतर हो सकेंगी। अभी अनेक गायें सड़कों व गलियों में भटक रही है। अनुदान बढ़ने से कई संगठन नई गोशाला खोलने का प्रयास करेंगे। इससे गोवंश को भी फायदा होगा। किसानों को भी फसल से सुरक्षा मिलेगी। वहीं शहरवासी अब शहरों में घूम रहे नंदियों के लिए व्यवस्था की मांग उठा रहे हैं।
इतनी राशि मिलेगी
बडेगोवंश: पहले प्रतिदिन 40 रुपए, अब मिलेंगे 44 रुपए
छोटे गोवंश: पहले प्रतिदिन 20 रुपए, अब मिलेंगे 22 रुपए
यह फायदा होगा
-गोशाला संचालकों को वित्तीय राहत मिलेगी।
-गोवंश की देखरेख में भी सुधार आएगा।
-गोवंश को चारे व पानी की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
-पशुपालन क्षेत्र को मज़बूती मिलेगी।
-नई गोशाला खोलने के प्रयास होंगे।
इनका कहना है
पहले बड़े गोवंश के लिए 40 रुपए व छोटे के लिए 20 रुपए मिलते थे, अब बड़े के लिए 44 रुपए व छोटे के लिए 22 रुपए मिलेंगे। बढ़ी हुई दर एक अक्टूबर से लागू होगी। इससे गोशाला संचालन में फायदा मिलेगा।
-डॉ सुरेश सुरा, कार्यवाहक, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग