Yamraj Secret: सनातन धर्म में यमराज को मृत्यु का देवता माना जाता है। उनको धर्मराज की उपाधि भी दी गई है। धर्मराज इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे कर्मों के आधार पर जीवात्माओं को स्वर्ग या नरक भेजते हैं। यमराज को अधिकतर एक बड़े काले भैंसे की सवारी करते हुए दिखाया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यमराज भैंसे की सवारी क्यों करते हैं? यहां जानिए।
भैंसे की सवारी का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार यमराज का भैंसे की सवारी करने के पीछे गहरा महत्व है। भैंसा शक्ति, दृढ़ता और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। इसका काला रंग अज्ञानता, अंधकार और मृत्यु का प्रतिनिधित्व करता है। यमराज का भैंसे पर सवार होना इस तथ्य को स्पष्ट करता है कि सभी की मृत्यु सभी निश्चित और समान रूप से प्राप्त होती है। चाहे वह राजा हो या रंक। साथ ही यह जीवन के नश्वर स्वभाव और कर्म के महत्व को भी उजागर करता है।
न्यायप्रियता और संतुलन का प्रतीक है यमराज का वाहन
मृत्यु के देव यमराज को भैंसे की सवारी करना इसलिए भी पंसद है। क्योंकि भैंसा शांत और स्थिर स्वभाव का होता है। यह न्यायप्रियता और संतुलन का प्रतीक है। यमराज महाराज को अन्य देवताओं की तरह आभूषणों और विलासिता से सज्जित नहीं दिखाया जाता। क्योंकि वे सच्चाई और न्याय के रक्षक हैं। उनका भैंसा सरलता और अनुशासन का एक बड़ा प्रतीक है।
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