Rajasthan: रावतभाटा हैवी वाटर प्लांट में गैस रिसाव: चार श्रमिक घायल, दो की हालत गंभीर; मचा हड़कंप

Rajasthan News: चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में स्थित हैवी वाटर प्लांट में शनिवार को एक बड़ा हादसा हो गया। प्लांट में हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का रिसाव हुआ, जिसकी वजह से चार श्रमिक गैस की चपेट में आ गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। गैस रिसाव की सूचना मिलते ही प्लांट परिसर में हड़कंप मच गया और तत्काल बचाव कार्य शुरू किए गए।

मेंटेनेंस कार्य के दौरान हादसा

जानकारी के अनुसार, रावतभाटा के हैवी वाटर प्लांट में मेंटेनेंस कार्य के दौरान यह हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि एक बंद पड़े कम्प्रेशर से अचानक हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का रिसाव शुरू हो गया। उस समय वहां मेंटेनेंस के लिए कुछ श्रमिक काम पर जा रहे थे। गैस रिसाव इतना तेज था कि वहां मौजूद श्रमिक तुरंत इसकी चपेट में आ गए।

बता दें, हाइड्रोजन सल्फाइड एक जहरीली गैस है, जो सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करने पर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। इस गैस के संपर्क में आने से प्रभावित व्यक्तियों को सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना और बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

दो की हालत बेहद गंभीर

गैस रिसाव की चपेट में आए चार श्रमिकों में से दो की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। घायलों में भैंसरोड़गढ़ निवासी धर्मेंद्र लोहार और बिहार निवासी जय कुमार शामिल हैं, जो गैस के प्रभाव से अचेत हो गए थे। दोनों को तुरंत रावतभाटा के परमाणु बिजलीघर अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें विशेष कॉरिडोर बनाकर कोटा के एक बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया गया। चिकित्सकों के अनुसार, उनकी स्थिति स्थिर लेकिन नाजुक बनी हुई है।

अन्य दो घायल श्रमिकों, शिवजी बैरवा (रावतभाटा) और मधुसूदन मालव (छीपाबडौद, बारां) को भी परमाणु बिजलीघर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इन दोनों की हालत अपेक्षाकृत स्थिर है और उनका इलाज जारी है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, दोनों श्रमिकों को गैस के प्रभाव से सांस लेने में तकलीफ और अन्य लक्षण देखे गए, जिनका उपचार किया जा रहा है।

हादसे से मचा हड़कंप

गैस रिसाव की खबर फैलते ही हैवी वाटर प्लांट में हड़कंप मच गया। मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किए। गैस रिसाव को नियंत्रित करने के लिए आपातकालीन टीमें सक्रिय हो गईं और प्रभावित क्षेत्र को खाली कराया गया। प्लांट प्रबंधन ने घटना की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बंद पड़े कम्प्रेशर से गैस रिसाव कैसे हुआ। प्रारंभिक जांच में तकनीकी खराबी को हादसे का कारण माना जा रहा है।