जयपुर। जयपुर, जोधपुर और कोटा नगर निगम की कमान संभागीय आयुक्त के पास होगी। राज्य सरकार ने तीनों शहरों के 2-2 नगर निगमों को मर्ज करने के बाद संभागीय आयुक्त को प्रशासक नियुक्त कर दिया है। इन निगमों के बोर्ड का कार्यकाल 9 नवम्बर को पूरा होगा। इसके बाद यहां संभागीय आयुक्त प्रशासक के तौर पर इनका कामकाज संभालेंगे, जिनके पास बोर्ड की शक्तियां होगी। कार्यकाल खत्म होते ही तीनों शहर में एक ही नगर निगम होगा।
राज्य सरकार एक राज्य-एक चुनाव के तहत निकायों के चुनाव कराना चाह रही है। यही कारण है कि प्रदेश में कई शहरी निकायों में वर्तमान में प्रशासक लगाए गए हैं। फरवरी 2026 तक प्रदेश की सभी नगरीय निकायों में बोर्ड का कार्यकाल पूरा हो जाएगा।
संभवतया ऐसा पहली बार है, जब शहरी सरकार की कमान प्रशासक के तौर पर संभागीय आयुक्तों को सौंपी है। अब तक यह काम जिला कलक्टर या नगर निगम आायुक्त को दी जाती रही है।
पार्षद चुनेंगे प्रमुख
नगरीय निकायों में महापौर, सभापति, अध्यक्ष के चुनाव सीधे नहीं बल्कि मौजूदा प्रक्रिया के तहत ही होंगे। यानि, पार्षदों में से ही निकाय प्रमुख चुना जाएगा।
-झाबर सिंह खर्रा, स्वायत्त शासन मंत्री
इनका कहना है
निगम का सामान्य कामकाज पूर्व की तरह आयुक्त ही करते रहेंगे। किसी मामले में बोर्ड की अनुमति का प्रकरण संभागीय आयुक्त को अनुमति के लिए भेजा जाएगा। संभागीय आयुक्त के पास केवल बोर्ड की शक्तियां नीहित होंगी।
-अशोक सिंह, विधि विशेषज्ञ