बीकानेर। खाजूवाला क्षेत्र में पति को जलाकर मारने के बहुचर्चित श्यामसुंदर हत्याकांड के मामले में गुरुवार को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता ने लम्बे विचारण के बाद फैसला दिया है। दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
श्यामसुंदर के पिता रामप्रताप निवासी 6 पीएचएम ने 7 मई 2020 को खाजूवाला थाने में श्यामसुंदर की पत्नी पुष्पा व पुत्री प्रियंका के खिलाफ मुकदमा धारा 302/34 भारतीय दण्ड संहिता के तहत दर्ज करवाया था। इसमें बताया था कि पड़ोस में उसका पुत्र श्यामसुंदर रहता था, जो खाजूवाला मण्डी में मोटरसाइकिल मिस्त्री का काम करता था।
पेट्रोल छिड़कर लगाई थी आग
पिता के मुताबिक, रात में श्यामसुंदर की पत्नी पुष्पा व पुत्री प्रियंका ने पेट्रोल छिड़क कर छप्पर में आग लगा दी। इसमें सो रहे श्यामसुन्दर की जलने से मृत्यु हो गई है। पुलिस ने उसी दिन दोनों अभियुक्तों को 17 केवाईडी के पास से गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद दोनों के खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत की थी।
कोर्ट में 22 गवाह किए गए प्रस्तुत
अभियोजन अधिकारी बृजलाल चाहर अपर लोक अभियोजक ने पैरवी की। अभियोजन की ओर से 22 गवाह और 49 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। इन पर सुनुवाई में मां-बेटी को श्यामसुन्दर की हत्या का दोषी करार दिया व दोनों को आजीवन कारावास व 20 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदंड नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है।