Good News : नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए शुरू किए गए जिला कृषि-ग्रामीण रूपांतरण कार्यक्रम के तहत राजस्थान से एकमात्र हनुमानगढ़ जिले का चयन किया गया है। जिला कलेक्टर काना राम ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का उद्देश्य कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों में आय वृद्धि, रोजगार के अवसरों में विस्तार और ग्रामीण जीवन स्तर को सुधारना है। यह कार्यक्रम देश के सात राज्यों के सात जिलों में लागू किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में जिले का चयन जिले के लिए गर्व का विषय है। इस परियोजना के तहत मौजूदा संसाधनों का अनुकूलन करते हुए ब्लॉक और ग्राम स्तर पर क्षेत्रीय प्राथमिकताओं की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
कार्यक्रम की रूपरेखा
कार्यक्रम को मिशन मोड में लागू करने के लिए तीन चरणों में लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। अल्पकालिक लक्ष्य में प्राथमिक गतिविधियों का कार्यान्वयन, मध्यम अवधि लक्ष्य में उत्पादन और बुनियादी ढांचे का विस्तार एवं दीर्घकालिक लक्ष्य में सतत और समृद्ध ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को रखा गया है।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
जिला आयोजना अधिकारी विनोद गोदारा ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुय उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उत्पादकता वृद्धि, उच्च मूल्य आधारित कृषि को प्रोत्साहन, डिजिटलीकरण और तकनीकी उन्नति, कौशल आधारित रोजगार के लिए प्रशिक्षण, सतत कृषि हेतु प्राकृतिक खेती का प्रसार, ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-कृषि गतिविधियों का संवर्धन करना है। इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन में बिट्स पिलानी, नाबार्ड, कृषि विज्ञान केंद्र हनुमानगढ़, और महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की भागीदारी होगी।
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आमजन दे सकता है सुझाव
मुख्य आयोजना अधिकारी ने बताया कि नीति आयोग द्वारा एक फरवरी से 28 फरवरी तक जिले में एक विस्तृत सर्वे किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण के तहत उच्च मूल्य कृषि, फसल कटाई प्रबंधन, कौशल प्रशिक्षण और प्राकृतिक खेती जैसे 9 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी एकत्रित की जाएगी। सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए आमजन से अपील है कि वे दिए गए क्यूआर कोड स्कैन करके अपने सुझाव प्रदान करें।
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