Mangla Pashu Bima Yojana: राजस्थान के पशुपालकों का नहीं रुझान,‘मंगला’ कैसे बनेगी पशुओं के लिए वरदान

धौलपुर। मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में धौलपुर जिला सहित प्रदेश के किसान रुचि नहीं दिखा रहे। जिसका ही परिणाम है कि दो बार रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि बढ़ाने के बाद भी जिले में 22.05 और राज्य भर में केवल 27.01 प्रतिशत ही पशुओं का बीमा हो पाया है। जबकि शासन ने राज्य भर में 21 लाख पशुओं का बीमा करने का लक्ष्य रखा है।

मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में धौलपुर जिले में 21 हजार 500 पशुओं के बीमा रजिस्ट्रेशन का टारगेट दिया गया है। जिसमें से अभी तक केवल 4 हजार 741 पशुपालक ही पशुओं का रजिस्ट्रेशन करा सके हैं। यानी जिले में अभी तक केवल 22.05 प्रतिशत ही कार्य हो सका है। जिस कारण 50 जिलों में धौलपुर का 32वां स्थान है।

जिले में हुए पशुओं के रजिस्ट्रेशन में 734 गाय, 3 हजार 714 भैंस, 180 बकरी, 113 भेड शामिल हैं। इसके अलावा जिले में अभी तक एक भी ऊंट या ऊटनी का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है।

अब बात करें राज्य के किसानों की तो राज्य भर के किसान भी इस योजना में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। राज्य भर 21 लाख पशुओं का रजिस्ट्रेशन करे का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अभी तक केवल 5 लाख 67 हजार 151 ही रजिस्ट्रेशन हो पाए हैं। यानी 100 प्रतिशत में से केवल 27.01 प्रतिशत ही।

78.89 प्रतिशत के साथ बांसवाड़ा अव्वल

योजना में अच्छा प्रदर्शन करने वाले टॉप 5 शहरों की बात करें तो सबसे ऊपर बांसवाड़ा का नाम आता है। जहां 28 हजार 863 रजिस्ट्रेशन के साथ 78.89 प्रतिशत लक्ष्य अचीव कर लिया है। दूसरे स्थान पर केकड़ी काबिज है। केकड़ी में अभी तक 16 हजार 529 पशुओं का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। जो कि लक्ष्य का 66.92 प्रतिशत है। सूची में तीसरे नम्बर पर ब्यावर है। जहां अभी तक 63.90 प्रतिशत कार्य हो चुका है।

यानी ब्यावर में अभी तक 10 हजार 416 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। जयपुर ग्रामीण 30 हजार 100 रजिस्ट्रेशन के साथ चौथे नम्बर पर है। वहीं पांचवें स्थान पर कोटपुतली-बहरोड़ है। यहां अभी तक टारगेट से 58.55 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। जिनमें 12 हजार 03 पशु शामिल हैं।

अधिकतम राशि होगी 40 हजार रुपए

पहले चरण में राज्य के 21 लाख पशुओं का बीमा किया जाना है। इसलिए प्रदेश के 5.5 लाख दुधारू गाय, और भैंस, 5.5 लाख, भेड़, बकरी तथा 1 लाख ऊंटों का बीमा किया जाना प्रस्तावित है। बीमा एक वर्ष के लिए होगा और पशुपालक को कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। योजना के तहत किसी भी प्राकृतिक या आकस्मिक दुर्घटना में पशु की मौत होने पर बीमा क्लेम मिलेगा। योजना का क्रियान्वयन एसआईपीएफ राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग से किया जाना है।

जिसमें बीमा के लिए पशु का मूल्य निर्धारण दुधारु पशु गाय व भैंस के लिए अधिकतम 40 हजार रुपए, बकरी व भेड़ मादा के लिए अधिकतम 4 हजार रुपए और ऊंट नर व मादा के लिए अधिकतम 40 हजार रुपए तय किया गया है।

अंतिम तिथि अब 31 की

सरकार ने योजना का लाभ उठाने के लिए पशुपालकों को 13 दिसंबर से 12 जनवरी तक का समय दिया था। लक्ष्य पूरा नहीं होने पर इसकी अंतिम तिथि को बढ़ाकर 22 जनवरी कर दिया गया। लेकिन तब भी टारगेट आधा भी ना होता देख सरकार ने अब इस योजना के रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख को बढ़ाकर 31 जनवरी कर दिया गया है। यानी अभी तक योजना में रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 2 बार बढ़ाई जा चुकी है। क्या अब इन शेष 9 दिनों में राज्य भर में टारगेट को पूरा कर लिया जाएगा। यह सवालिया निशान बना हुआ है।

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ऐसे करें आवेदन

पशुपालक बीमा में नजदीकी मित्र या नजदीकी पशु चिकित्सालय में जाकर योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं गोविंदगढ़ में पशुपालन विभाग की ओर से अब तक 300 से अधिक पशुओं का ऑनलाइन बीमा कर दिया है।

पशुपालक मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना का लाभ लेने के लिए जल्द रजिस्ट्रेशन कराएं। यह योजना पशुधन को बढ़ावा देने के लिए है। जिले में अभी टारगेट से कम ही रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिन्हें बढ़ाया जाएगा।
-डॉ. संतराम मीणा, संयुक्त निदेशक पशु विभाग धौलपुर

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