बदकिस्मत ने छीना कलेजे का टुकड़ा: पिता ने जिन लाशों को उठाया, उनमें बेटा भी था… मगर रहा बेखबर

बांसवाड़ा। घाटोल थाना क्षेत्र के भगतपुरा में हुए हादसे का एक ह्रदयविदारक, मर्मस्पर्शी पहलू सामने आया। तीन युवकों की मौत के बाद उनकी लाशें अस्पताल में जिस व्यक्ति ने रखवाईं, उस बेखबर मददगार का ही बेटा भी उनमें शामिल था। वह शव पहुंचाने के बाद ज्योंही घर पहुंचता है, फिर उसे जो पता चलता है… मानो उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है

बांसवाड़ा के चश्मदीद हरीश कलाल ने बताया- ‘मैं अपने घर पहुंचा ही था कि मेरे परिचित महावीर कुमार घाटोल से बांसवाड़ा आ रहे थे, उन्होंने फोन किया। बताया कि मेरे पेट्रोल पंप के पास भगतपुरा में जोरदार एक्सीडेंट हुआ है। लाशें बिखरी हैं। मैं अपने बेटे हर्षद और पत्नी को लेकर तुरंत गाड़ी से घटनास्थल पहुंचा। पुलिस भी आ चुकी थी। मौके पर 5 लोग पड़े थे। उनमें से दो के जिंदा होने की संभावना थी। पुलिस की मदद से दोनों घायलों को मेरी गाड़ी में रखवाया। वहां मदद कर रहे जैफरीन ने मेरे पास आकर कहा- साहब! मैं भी अस्पताल तक चलूं। मैंने मेरे बेटे हर्षद और पत्नी को वापस घर भेज दिया। जैफरीन को लेकर एमजी अस्पताल पहुंचा।

हरीश बताते हैं कि उस दिन अस्पताल में अवकाश था। हमने खुद ही स्ट्रेचर लिया प्रवेशद्वार से घायलों को लेकर अस्पताल के अन्दर पहुंचाया। कुछ ही देर में एंबुलेंस भी पीछे-पीछे आ गई। जैफरीन एम्बुलेंस में घुसा और उसने तीनों मृ़तकों को बाहर निकलवाया और स्ट्रेचर पर लेटाकर अन्दर ले गया। डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जैफरीन ने तीनों शव मोर्चरी में शिफ्ट करवाए। फिर वह मेरी गाड़ी से गांव आ गया।’

जैफरीन फफककर बोला- उनमें मेरा ऐरोन भी था

हरीश कलाल ने बताया कि मैंने घर जाकर कपड़े बदले। कुछ देर बाद जैफरीन का फोन आया। वह फफकते हुए बोला… साहब! मरने वालों में मेरा बेटा ऐरोन भी था। वह 17 साल का था। ननिहाल स्थित मिशन कंपाउड में रहता था। यह सुनते ही हरीश अवाक रह जाता है। जैफरीन को संभालना मुश्किल हो गया था, क्योंकि वह अपने ही हाथों बेटे का शव मोर्चरी में रखवाकर आया था, मगर बेखबर था।

यह था घटनाक्रम

नेशनल हाइवे-56 पर भगतपुरा के पास बाइकों की भिड़ंत में भगतपुरा-सुरपुर निवासी 17 वर्षीय एरोन पुत्र जैफरीन डिंडोर, पलोदरा निवासी रमेश (32) पुत्र कोदर कटारा और रामा (30) पुत्र गौतम दायमा की मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए।