गुलाबी सर्दी शुरू होते ही ग्रामीण अंचल में बनाने लगे बाजरे की रोटियां, स्वाद व गुणों का खजाना

सकट. गुलाबी सर्दी शुरू होने के साथ ही ग्रामीण अंचल में मोटे अनाज का सेवन शुरू हो गया है। अब चूल्हे पर बाजरे की रोटियां सिकने लगी है। यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है। मोटा अनाज बाजरा, मक्का, ज्वार आदि शामिल हैं। सर्दी के दिनों में इसकी मांग बढ़ जाती है। ग्रामीण अंचल में महिलाएं चूल्हे पर बाजरे की रोटियां सेकती नज़र आने लगी हैं। बाजरे की रोटी का स्वाद लाजवाब होता है।

आमतौर पर सभी गेहूं की रोटी का सेवन अधिक करते हैं। शहरी क्षेत्र में हमेशा गेहूं की ही रोटी खाई जाती है। सर्दियों के दौरान कई परिवारों में सप्ताह या महीने में एक-दो बार मोटा अनाज का उपयोग किया जाता है। जबकि मोटे अनाज का उपयोग खाने में अधिक करना चाहिए। इसकी रोटियां स्वाद के साथ ही हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है। मोटा अनाज को मिलेट्स भी कहते हैं। इसकी मांग अब विदेशों में भी होने लगी है। मोटा अनाज डायबिटीज रोगियों के लिए तो रामबाण की तरह असरदार है। साथ ही अन्य बीमारियों से भी छुटकारा दिलाने में यह काफी मदद करता है।बाजरे में कई सारे पोषक तत्व

बाजरे में कई पोषक तत्व शामिल है। इसकी रोटी और सरसों के पत्तों, पालक, ग्वार की फली, बैंगन की सब्जी, लहसुन की चटनी व दही के साथ खाने से स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। बाजरे की रोटी का सेवन ज्यादातर सर्दियों में किया जाता है। इसक तासीर गर्म भोजन की है। यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है। कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों से भी बचाता है। चिकित्सा सूत्रों के अनुसार इसमें जिंक, आयरन, विटामिन बी-3 और विटामिन बी-9 पाया जाता है। हृदयघात से भी यह बचाता है। इसमें मैग्नीशियम भी होता है। ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करता है। इसमें फाइबर की मात्रा होती है, जो कब्ज से छुटकारा दिलाती है। चेहरे की झुर्रियां कम होती है, जिससे स्क्रीन पर ग्लो आता है। कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। यानि बाजरा गुणों की खान है।ऐेसे बनाई जाती है बाजरे की रोटी

महिलाओं के अनुसार बाजरे की रोटी बनाने के लिए एक बार में एक या दो रोटी बनने जितना ही आटा गुनगुने पानी से गूंथना होता है। सही ढंग से आटा गूंथने से इसमें लौच आने पर रोटियां आसानी से बनाई जा सकती है। चकले-बेलन के बिना भी हाथों से ही थाप कर रोटी बना सकते हैं। फिर इसे तवे पर सेकने के बाद आग पर अच्छी तरह से सेक ले। देसी घी से चोपड़ कर हरी सब्जी, दही या लहसुन की चटनी के साथ थाली में परोसे और साथ में गुड़ भी रख दे। यह सब देख मुंह में पानी आने लगता है।इसे खाने का स्वाद ही निराला है।