SMS Hospital Fire: एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में लगी आग के बारे में जांच कमेटी गठित कर जांच शुरू कर दी गई है। सवेरे फोरेसिंक की टीम ने भी जांच पड़ताल की और मामले की तह तक जाने की कोशिश की जा रही है। इस बीच देर रात कुछ पुलिसकर्मियों, मेडिकल स्टाफ और दमकलकर्मियों के साहस के चलते कई जानें बचा ली गईं। देर रात हुई घटना के दौरान एक पुलिसकर्मी ने इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी कि किस तरह से यह सब कुछ घटित हुआ…।
कांस्टेबल हरिमोहन ने बताया कि मैं देर रात एक झगड़े की सूचना के बाद कुछ लोगों को लेकर एसएमएस अस्पताल के इमरजेंसी में आया था उनका मेडिकल कराने के लिए…। मेरे साथ मेरे साथी भी थे। अचानक पता चला कि ट्रॉमा सेंटर में आग लगी है। साथ लाए आरोपियों और पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद मैं भी अपने कुछ साथियों के साथ ट्रॉमा सेंटर की ओर दौड़ गया।
वहां जाकर मंजर देखा तो आंखे फटी रह गई। आग की लपटें उठ रहीं थीं और धुआं-धुआं हो रहा था। लोग ची रहे थे और बाहर दौड़ रहे थे। अंदर जाने में एक बार तो हिचक हुई, लेकिन ईश्वर को याद कर मैं आग की ओर दौड़ गया। अंदर जाकर पता चला कि आग तो आईसीयू में लगी हुई है। वहां जाकर मौजूद लोगों की मदद से मरीजों को बाहर निकाला। मेरे अन्य साथी भी मौजूद थे। मुंह पर कपड़ा बांधकर खुद को भी अचेत होने से बचाते रहे। आईसीयू और ओटी के शीशे तोड़े और लोगों को बाहर धकेला। आधे से पौने घंटे में लगभग सभी को बाहर निकाला गया।