कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ‘अश्क अली टांक’ का निधन, अस्पताल में चल रहा था इलाज, पार्टी में शोक की लहर

जयपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद अश्क अली टांक का आज रविवार को 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बीमारी के चलते अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, जहां उनका निधन हो गया। उनके निधन से पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई है। अश्क अली टांक राजस्थान से राज्यसभा सांसद रह चुके थे और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में भी उन्होंने सेवा दी थी। लंबे समय से बीमार चल रहे टांक के निधन को कांग्रेस के नेताओं ने राजनीतिक जगत के लिए बड़ी क्षति बताया है।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक गहलोत ने एक्स हैंडल पर ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा- ‘अश्क अली टांक का जाना कांग्रेस परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है।’ उन्होंने कहा कि टांक ने अपनी लंबी राजनीतिक यात्रा में कई मुकाम हासिल किए। वे एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष के साथ-साथ अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन भी रहे। गहलोत ने याद किया कि टांक ने युवाओं में संगठन को मजबूत करने के लिए पूरे प्रदेश में दौरे किए और पार्टी की हर जिम्मेदारी का निष्ठापूर्वक निर्वहन किया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री एवं पूर्व राज्यसभा सांसद श्री अश्क अली टांक के निधन का समाचार बहुत दुखद है। उन्होंने अपनी लम्बी राजनीतिक यात्रा में कई मुकाम हासिल किए। श्री टांक NSUI व यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष एवं अल्पसंख्यक आयोग के चैयरमैन भी रहे थे। वो युवाओं में काफी… pic.twitter.com/NcUVEetdJ6

— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 5, 2025

अशोक गहलोत ने व्यक्त की शोक संवेदना

गहलोत ने कहा कि स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद टांक पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रिय रहते थे। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की।

टीकाराम जूल ने बताया बड़ी क्षति

कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने भी अश्क अली टांक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि टांक का निधन कांग्रेस परिवार के लिए एक बड़ी क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को संबल दें।

अनुशासित नेता के तौर पर जाने जाते थे टांक

कांग्रेस के अन्य नेताओं ने लिखा कि टांक साबह को कांग्रेस में अनुशासित और समर्पित नेता के रूप में जाना जाता था। उन्होंने जनसेवा, सामाजिक उत्थान और विशेष रूप से चोपदार समाज के विकास के लिए उल्लेखनीय कार्य किए। उनकी निष्ठा, नेतृत्व और समर्पण ने पार्टी और समाज में अमिट छाप छोड़ी है। उनके निधन से प्रदेश की राजनीति में एक युग का अंत हो गया।