लापरवाही: साढ़े तीन करोड़ के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम आठ साल खराब,

 झालावाड़। जिले के सबसे बड़े एसआरजी अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में आग बुझाने के लिए लगाया गया फायर फाइटिंग सिस्टम पिछले 8 साल से नकारा पड़ा है। इसे ठीक करने के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपए चाहिए, लेकिन यह राशि अब तक नहीं मिली। यदि कभी अस्पताल में आग लग जाए तो उस पर काबू पाना बहुत मुश्किल होगा। पांच माह पूर्व अस्पताल के न्यू इमरजेंसी के फेब्रिकेटेड वार्ड में आग लगने की घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया

अस्पताल भवन में 18 साल पहले करोड़ों की लागत से लगा सेंट्रल फ ायर फाइटिंग सिस्टम खराब होने के बावजूद जिम्मेदार अब तक इसके प्रति लापरवाह है। उनकी अनदेखी के चलते फ ायर फ ाइटिंग सिस्टम की वितरण प्रणाली में लगे पाइप, नोजल,वाल्व और सिलेंडर कई जगह से गायब हो चुके हैं। अस्पताल में डिटेक्शन सिस्टम भी नहीं लगा है,जबकि फ ायर फ ाइटिंग सिस्टम में डिटेक्शन सिस्टम सुरक्षा की पहली जरूरत होती है। इसमें हीट सेंसर, स्मोक डिटेक्टर और अलार्म आदि शामिल हैं, जो आग या धुएं की उपस्थिति का पता लगाकर सायरन बजाते हैं।

 सामान गायब

अस्पताल में लगाए गए सेंट्रल फ ायर फ ाइटिंग सिस्टम में लगे रबड़ व कपड़े के पाइप गायब हो चुके हैं। पाइप रखने के बॉक्स में खाली बोतलें व कचरा भरा हुआ है। कई जगह पानी खोलने के लिए लगाए गए वाल्व और अन्य सामान चोरी हो गए है। अस्पतालों में फायर एनओसी जारी करने से पहले पूरे अस्पताल में फ ायर फ ाइटिंग सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर, फ ायर बॉल आदि होना जरूरी है, लेकिन एसआरजी में इसकी पालना नहीं हो रही ।

 यहां सिस्टम ही नहीं

एसआरजी से सटे जनाना अस्पताल में तो आग बुझाने के लिए फ ायर फाइटिंग सिस्टम ही नहीं है, जबकि यहां भी करीब डेढ़ साल पहले एसएनसीयू में आग लगने की घटना हो चुकी है। यहां हर समय बड़ी संख्या में महिला मरीज और बच्चे भर्ती रहते है।

 फ ायर फ ाइटिंग सिस्टम को सही करवाने के लिए साढ़े तीन करोड़ के प्रस्ताव डीन के माध्यम से भिजवा रखे हैं। जयपुर से बजट आने के बाद इसका काम सार्वजनिक निर्माण विभाग के माध्यम से करवाया जाएगा।

– दर्शन अवस्थी, क्वालिटी मैनेजर एसआरजी अस्पताल झालावाड़