भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी तहसील के दातड़ाबड़ा गांव की ग्राम सेवा सहकारी समिति में फसल बीमा को लेकर चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। प्रारम्भिक जांच में खुलासा हुआ है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इस साल खरीफ की फसल में करीब 600 किसानों के खसरा नंबर बदल दिए गए। ऐसे में किसानों को बीमा का लाभ नहीं मिल पाएगा।
प्रारम्भिक जांच में खुलासा
दातड़ाबड़ा समिति में करीब 3200 किसानों का बीमा करवाया गया। इनमें से 600 बीमा में नाम किसी और का, जबकि खातेदार कोई और निकला। किसानों की शिकायत पर सीसीबी ने पिछले 3 से 4 साल का पूरा रेकॉर्ड खंगालना शुरू किया।
समिति के खाता बही जब्त
समिति के व्यवस्थापक शिवराज सिंह का कहना है कि सोमवार को भीलवाड़ा से दो अधिकारी खाताबही (लेजरबुक) ले गए, ताकि जांच हो सके। वहीं दूसरी ओर भीलवाड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक (सीसीबी) के प्रबंधक नीरज शर्मा ने स्पष्ट कहा बैंक से कोई भी अधिकारी दातड़ाबड़ा समिति में रेकॉर्ड लेने नहीं गया। व्यवस्थापक का यह दावा गलत है। जांच कोटड़ी ब्रांच की सूची और ऑनलाइन बीमा रेकॉर्ड के आधार पर की जा रही है।
किसानों का आक्रोश
गौरतलब है कि किसानों ने कोटड़ी प्रधान करणसिंह के नेतृत्व में जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा था। किसानों का आरोप है कि वर्षों से बीमा की राशि में हेरफेर हो रही है। कलक्टर ने मामले की गंभीरता देखते हुए सीसीबी प्रबंधक को तुरंत जांच के आदेश दिए।
व्यवस्थापक ने मानी थी अपनी गलती
व्यवस्थापक शिवराज सिंह ने स्वीकार किया है कि 40-50 किसानों के खसरा नंबर गलत दर्ज हो गए, लेकिन उन्होंने बड़े स्तर पर घोटाले से इनकार किया। वहीं, बैंक अधिकारी मान रहे हैं कि मामला बड़ा है और कई सालों से गड़बड़ी चल रही है।
गड़बड़ी के प्रमुख बिंदु
– 600 किसानों के नाम गलत दर्ज किए गए।
– खसरा नंबर बदलकर बीमा राशि में हेराफेरी की संभावना।
– रिकॉर्ड में 3200 बीमा, लेकिन खातेदार और बीमा नाम अलग-अलग
– संभावना है कि अन्य एजेंसियां भी इसमें शामिल हो सकती है।
– 3-4 सालों में करोड़ों का घोटाला होने की आशंका।