Jaipur: रिश्वतखोर पटवारी दर-दर मांग रहा मदद, 10 बीघा जमीन का नामांतरण खोलने के नाम पर मांगी थी 30 लाख रुपए की घूस

ACB Action: जमीन का नामांतरण खोलने के नाम पर 30 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में फरार हाथोज पटवारी नरेन्द्र मीणा का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका। इस बीच आरोपी एक अन्य पटवारी और सुरक्षा एजेंसी के एक कमांडो सहित कुल 6 लोगों के पास मदद मांगने पहुंच चुका।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम भी पटवारी नरेन्द्र के पीछे-पीछे इन सभी छह लोगों तक पहुंची और सभी को एसीबी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया। सभी लोगों का एक ही उत्तर था कि पटवारी नरेन्द्र के मुंह से एसीबी का नाम सुनते ही उससे दूरी बना ली। वह कहां गया, इसकी जानकारी नहीं है।

एसीबी सूत्रों के मुताबिक भागने के बाद पटवारी ने घर पर संपर्क नहीं किया। सबसे पहले वह अपने साले के पास पहुंचा था। एसीबी की नजर में साले की भूमिका संदिग्ध लगी तो उसको छोड़कर परिचित पटवारी के पास पहुंचा।

फिर परिचित पटवारी के रिश्तेदार के पास गया। लेकिन मदद नहीं मिलने पर सुरक्षा एजेंसी में कमांडो दोस्त सहित दो अन्य लोगों के पास पहुंचा। एसीबी को आशंका है कि इनमें से किसी ने पटवारी की पैसे देकर फरारी काटने में मदद की। पटवारी के पकड़े जाने पर उसकी मदद करने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

यह था मामला

अकालवाड़ रोड पर 10 बीघा भूमि का नामांतरण खोलने के बदले हाथोज निवासी पटवारी नरेन्द्र मीणा ने 50 लाख रुपए रिश्वत मांगी। बाद में सौदा 30 लाख रुपए में तय किया। एसीबी ने 5 लाख रुपए के असली नोट व 25 लाख रुपए के डमी नोट देकर पटवारी को पकड़ने का जाल बिछाया।

सात दिन पहले आरोपी पटवारी ने एसीबी के परिवादी को रकम लेकर इधर-उधर चक्कर कटवाने के बाद कालवाड़ रोड स्थित परिचित दलाल विकास शर्मा के पास भेजकर रिश्वत की रकम दिलवाई। एसीबी ने दलाल को पकड़ा तो दूर से नजर रख रहा पटवारी भाग गया था।