जवाहिर अस्पताल: इलाज से पहले बचाव की जद्दोजहद, अस्पताल में वार्डों तक पहुंच रहा बरसाती पानी

गत शुक्रवार शाम को जब मूसलाधार बारिश ने शहरवासियों को हर्षित कर दिया, उस समय जिला मुख्यालय पर स्थित जवाहिर चिकित्सालय में उपचार के लिए ओपीडी में पहुंचे रोगियों से लेकर भीतर वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए बरसात का यह पानी मुसीबत का सबब बन गया। हर बार की भांति अस्पताल परिसर में फीट-दो फीट तक पानी जमा हो गया और इस बार तो यह वार्डों तक पहुंच गया। निकासी के अभाव में यह संकट उत्पन्न हुआ। ऐसे में इलाज के लिए पहुंचे लोगों व उनके साथ आए व्यक्तियों के सामने वापस लौटने की चुनौती खड़ी हो गई। इसके अलावा बरसाती पानी में बह कर भारी मात्रा में कूड़ा-करकट और गंदगी पूरे अस्पताल परिसर में फैल गई। जिस अस्पताल को सबसे ज्यादा संक्रमण से बचाए जाने की जरूरत होती है, वही स्वस्थ लोगों के लिए भी संक्रमण फैलाने का वाहक बनता नजर आया। यह समस्या नई कतई नहीं है। हर बार मानसून काल में अस्पताल में पानी जमा होने और उससे होने वाली तकलीफों के दृश्य देखने में आते हैं लेकिन आज तक जल भराव की इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। जबकि बीते कुछ वर्षों में अस्पताल परिसर में नए भवन निर्माण और अन्य कार्यों पर सरकार की तरफसे करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इसके बावजूद बरसाती पानी की निकासी की समस्या का उपचार अब तक बाकी है।

डिजाइन की समस्या

सिविल कार्यों के विशेषज्ञ एक सरकारी इंजीनियर ने नाम नहीं देने की शर्त पर बताया कि जवाहिर चिकित्सालय में जल निकासी का आउटलेट अपर्याप्त है। यह केवल सीवरेज के पानी को बाहर निकालने के लिए बनाया गया है। बरसाती पानी की आवक को बिसरा दिया गया है। ऐसे में जब भी कभी तेज बारिश होती है, तब उस पानी को जमा होने से रोका नहीं जा सकता क्योंकि निकासी का बंदोबस्त अपर्याप्त है। उन्होंने बताया कि यहां जल निकासी का आउटलेट नए सिरे से डिजाइन किया जाना चाहिए, जिसमें बरसात के दौरान जमा व पीछे से बह कर आने वाला पानी निकालने की क्षमता हो। इसके अलावा जब तक ऐसा नहीं किया जाता, तब तक बरसात के समय जमा पानी को निकालने के लिए त्वरित प्रभाव से पम्प लगाया जाना चाहिए, जो पानी को बाहर निकाल दे।

सेवाएं प्रभावित, गंदगी और संक्रमण का खतरा

जिला अस्पताल में बरसाती पानी के जमा होने से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित होती हैं। जैसा गत दिनों देखा गया। कई बार इस कारण अस्पताल की बिजली व्यवस्था भी कई-कई घंटों के लिए प्रभावित हो जाती है क्योंकि जमा पानी में काम किया जाना मुश्किल हो जाता है। इसी तरह से जमा पानी यहां पर गंदगी व संक्रमण का खतरा भी लेकर आता है। अस्पताल जैसी संवेदनशील जगह पर अगर बाहरी परिसर से लेकर वार्डों तक पानी जमा हो जाए तो कितनी गंदगी संक्रमण को न्योता देगी, यह कल्पना सहज ही की जा सकती है।

आस-पास से आता है पानी

बरसात के समय अस्पताल में आसपास के क्षेत्रों से बहुत सारा पानी बह कर जमा हो जाता है। जब तक उन क्षेत्रों में निकासी व्यवस्था माकूल नहीं होगी, यह समस्या बनी रहेगी। अस्पताल में जीएसएस और अन्य दिशाओं से बारिश का पानी आता है।

डॉ. चंदनसिंह तंवर, पीएमओ, जवाहिर चिकित्सालय, जैसलमेर