मांगरोल, छबड़ा व छीपाबड़ौद बैंक शाखाओं में मिली अनियमितता, बैंक ने कलक्टर को दी तथ्यात्मक रिपोर्ट में हुआ खुलासा, आरोपियों के खिलाफ बैंक ने की विभागीय कार्रवाई
बारां. केन्द्रीय सहकारी बैंक बारां में फसल बीमा योजना में 87 लाख की राशि के गबन के मामले में मंगलवार को बैंक की ओर से जिला कलक्टर को तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की है। वर्ष 2019-20 में हुए इस प्रकरण को लेकर पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हो रही थी। इससे बैंक में हडकंप मचा हुआ है।
बैंक की ओर से जिला कलक्टर को मंगलवार को पेश की दो पेज की तथ्यात्मक रिपोर्ट में कहा गया कि शाखा मांगरोल के बीमित लाभर्थियों की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसल, 2019 की बीमा क्लेम राशि 16 लाख 78 हजार 308.43 की राशि वास्तविक लाभार्थियों के स्थान पर अन्य व्यक्तियों के खाते में अनियमित रूप से जमा कर अनियमितता बरती गई थी। इसकी शिकायत शाखा में कार्यरत बैंक स्टाफ की ओर से 7 सितंबर 2020 को प्रधान कार्यालय की गई। इस पर 7 अक्टूबर 2020 को गठित जांच दल की 21 अक्टूबर को दी गई अन्तरिम जांच रिपोर्ट के आधार पर गोविन्द प्रसाद कश्यप, तत्कालीन कार्यवाहक शाखा प्रबन्धक मांगरोल व महेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह शेखावत, तत्कालीन नोडल अधिकारी, बीमा, प्रधान कार्यालय को 21 व 26 अक्टूबर 2020 को निलम्बित कर दिया गया था। 27 नवंबर को अंतिम जांच रिपोर्ट के आधार पर कश्यप व शेखावत को नोटिस दिए गए। इसके बाद 29 दिसंबर 2020 को दोनों की दो वार्षिक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोके जाने के दण्ड से दण्डित किया गया। बाद में अन्य शाखाओं की भी जांच कराइ्र गई तो छबड़ा व छीपाबड़ौद शाखाओं में भी इसी तरह लाखों की राशि अन्यों के खातों में जमा कर अनियमितता करना पाया गया।
बैंक प्रबंधकों के खिलाफ हुई कार्रवाई
अनियमितता पाए जाने पर मांगरोल शाखा के तत्कालीन कार्यवाहक शाखा प्रबन्धक गोविन्द प्रसाद कश्यप व तत्कालीन नोडल अधिकारी बीमा, प्रधान कार्यालय महेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह शेखावत को अक्टूबर 2020 को निलम्बित किया गया था। 29 दिसंबर 2020 को दोनों की दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोककर दण्डित किया गया। शाखा छबडा में बीमा क्लेम राशि 64 लाख 33 हजार 694.62 रुपए की अनियमितता मिलने पर छबड़ा के तत्कालीन कार्यवाहक शाखा प्रबन्धक लोकेश कुमार मीणा व तत्कालीन प्रबन्धक ओमप्रकाश अहीर को एपीओ किया गया। बाद में लोकेश मीणा को निलम्बित तथा 29 दिसंबर 2020 को दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकर दण्डित किया गया। ओमप्रकाश अहीर पर गबन सिद्ध नहीं होने पर आरोप पत्र को नियम 17 के तहत परिवर्तित कर उन्हें भविष्य में सतर्कतापूर्वक कार्य करने एवंं गोपनीयता बनाए रखने की चेतावनी देकर प्रकरण का निस्तारण किया गया। शाखा छीपाबडौद में 3 लाख 10 हजार 684.11 की अनियमितता मिली तो यहां जांच उपरान्त बीमा क्लेम राशि वास्तविक लाभार्थी के खाते में जमा करवाकर मामला रफादफा किया गया। प्रकरण नाबार्ड एफएमएस पोर्टल पर 17 जनवरी 2022 को अपलोड कर दिया था।
छबड़ा. इस मामले में बुधवार को बैंक के छबड़ा शाखा प्रबंधक ओम प्रकाश अहीर ने छबड़ा में पत्रकार वार्ता कर गबन के आरोपों को तथ्यहीन व निराधार बताते हुए कहा कि उस समय अन्य शाखाओं में फील्ड कार्य के दौरान उनकी यूजर आईडी एवं पासवर्ड का उपयोग करते हुए छबड़ा शाखा के कामिक ने अन्य के खातों में बीमा राशि हस्तान्तरित कर दी गई थी। इस पर कार्यवाहक शाखा प्रबंधक को चार्ज शीट देकर निलम्बित कर दिया था तथा जांच पश्चात् दो वेतन वृद्धियां रोककर दण्डित किया था। इसकी प्रति तत्कालीन प्रशासक बैंक एवं जिला कलक्टर को दी गई थी।
योजना पीएम फसल बीमा योजना ( खरीफ फसल, 2019)
इन शाखाओं में मिली इतनी अनियमितता
शाखा मांगरोल 16 लाख 78 हजार 308.43
शाखा छबड़ा 64 लाख 33 हजार 694.62
शाखा छीपाबड़ौद 3 लाख 10 हजार 684.11
प्रकरण वर्ष 2019-20 का है। उस समय मांगरोल, छबड़ा, व छीपाबड़ौद तीनों शाखाओं में फसल बीमा की क्लेम राशि अन्यों के खातों में जमा कर अनियमितता की गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई। मैंने 18 मार्च 23 से प्रबन्ध निदेशक का पदभार ग्रहण किया था। इससे इस मामले से मेरा कोई लेनादेना नहीं है।
सौमित्र कुमार मंगल, प्रबन्ध निदेशक, बारां केन्द्रीय सहकारी बैंक