मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र में सांपों की सक्रियता तेज हो गई है। खेतों की नमी और रेत-टीलों की गर्माहट के बीच जनवरी 2020 से 31 मई 2025 तक 334 लोग सर्पदंश के मामले सामने आ चुके हैं। राहत यह कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर समय पर पहुंचने वालों का उपचार सफलता से हो रहा है।
सांप के डसने के मामले
वर्ष मामले
2020 75
2021 71
2022 68
2023 59
2024 48
2025 13
कुल 334
एक्सपर्ट व्यू : अस्पताल में एंटी स्नेक वीरम वेनम उपलब्ध
चिकित्साधिकारी मनोहरसिंह भाटी के अनुसार अस्पताल में एंटी-स्नेक वेनम यानी एएसवी इंजेक्शन मुफ्त उपलब्ध हैं। बाजार में एक इंजेक्शन लगभग 1 हजार रुपए का है। कोबरा जैसे जहरीले दंश पर एक मरीज को अधिकतम 135 एएसवी तक लग सकते हैं।
क्यों बढ़ रही घटनाएं
-नहर-सिंचित खेतों में पानी भरने से सांप बिलों से बाहर आते हैं।
-कटाई के बाद भीगी फसल ढेरों में घुसकर पूरी रात ठंडक तलाशते हैं।
-रेत-नमी के मेल में चरवाहे व किसान अक्सर नंगे पांव या हल्के जूते पहनते हैं।
बिच्छु के डंक का भी कहर
वर्ष मामले (सुल्ताना प्राथमिक केंद्र)
2023 25
2024 27
2025* 7 (मई तक)
कुल 59
बचाव के उपाय
-खेत में लंबे स्लीव-जूते पहनें, रात में टॉर्च साथ रखें।
-कटाई ढेर उठाने से पहले डंडे से फटक कर सुनिश्चित करें कि कोई जीव न हो।
-बिलों में पानी भरने से बचें; सिंचाई का समय बदलें।
घर-खलिहान के आसपास घास-झाड़ साफ रखें, नमी जमा न होने दें।
दंश के बाद क्या करें
-मरीज को शांत रखें, हिलाएं-डुलाएं नहीं; किसी रस्सी से अंग न कसें।
-चीरा-चीर या झाड़-फूंक से बचें; उलटा असर पड़ सकता है।
यदि संभव हो तो सांप की पहचान कर लें, चित्र ले लें।
-पीडि़त को जल्द-से-जल्द नजदीकी अस्पताल पहुंचाएं और इस्तेमाल की गई दवा या कीटनाशक जैसी जानकारी साथ रखें।