टोंक जिले की बनास नदी में पांच रिश्तेदारों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद अब टोंक जिला प्रशासन ने घटना स्थल वाले एरिया के चारों तरफ चेतावनी बोर्ड लगा दिए हैं। साथ ही नहाने और नदी में जाने से रोकने की चेतावनी दी है। प्रशासन ने 56 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं और वहां पर चेतावनी बोर्ड लगाया गया है।
बता दें कि बनास नदी के समीप स्थित पुल के पास भी कई बार घटनाएं हो चुकी हैं। वहां भी चेतावनी बोर्ड लगाया गया है। साथ ही किसी को भी वहां न जाने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है। आए दिन यहां पर बच्चे नहाते हुए नजर आ जाते हैं।
यह भी पढ़ें : राजस्थान में यहां नहाने के चक्कर में हर साल होती है मौत, फिर भी पिकनिक स्थलों पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं
जहां घटना हुई थी, वहां लगा चेतावनी बोर्ड
टोंक जिला प्रशासन ने जहां घटना हुई थी, वहां चेतावनी बोर्ड लगवा दिए हैं। लेकिन बनास नदी के समीप कई जगहें हैं, जो खरतनाक हैं। हालांकि, प्रशासन वहां भी शीघ्र ही बोर्ड लगाने की बात कर रहा है।
बनास नदी में अब तक हुईं 20 से अधिक घटनाएं
बनास नदी एरिया में डूबने की करीब 20 घटनाएं हो चुकी हैं। मंगलवार को हुए हादसे के बाद जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मौके पर पहुंचे थे। जहां लोगों ने ऐसे क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड लगाए जाने तथा नहाने से रोक लगाए जाने की मांग की थी।
यह भी पढ़ें : भारी पड़ा पिकनिक का फितूर… बाहर नहीं आ सके जिंदा; एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में डूबे 8 युवक
कब हुई था हादसा
टोंक की बनास नदी में मंगलवार को डूबने से जयपुर के आठ लोगों की मौत हो गई थी। हसनपुरा, घाटगेट और पानीपेच इलाकों के घरों में मातम पसरा गया था। हसनपुरा के राय कॉलोनी में पिता-पुत्र और भतीजे की, घाटगेट में दो लोगों और पानीपेच में दो सगे भाइयों की मौत ने परिवारों को झकझोर दिया। रामगंज निवासी एक युवक की भी मौत हुई है।
एक परिवार के तीन की गई जान
हादसे में राय कॉलोनी, हसनपुरा के एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई थी। दिलशाद ने बताया कि उनके भाई नौशाद, उनका बेटा कसफ और भतीजे फरहान की मौत हुई है। ईद का त्योहार होने की वजह से पूरे परिवार में खुशी का माहौल था। वे रात को एक बजे घूमने निकले थे। आखिरी बार सुबह वीडियो कॉल पर बात हुई थी, जब उन्होंने बताया कि वे पहुंच गए हैं।
क्या कहना है लोगों का
-स्थानीय लोगों को बनास नदी में बेतहाशा खनन के कारण हुए गड्ढों के बारे में जानकारी होती है, लेकिन बाहर से आए लोग को नहीं होती है।
-ऐसे में उनको चेतावनी बोर्ड के जरिए सचेत किया जाना चाहिए, ऐसे में बनास नदी के पुराने पुल के समीप कई जगह चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। लेकिन बाकी जगह नजर नहीं आए।
-चट्टानों के पास पानी भरे होने और चट्टानों पर जमा चिकने क्षेत्र में पैर फिसलने का भी खतरा बना रहता है।