-महिलाओं व पुरुषों ने तीन घंटे तक बहाया पसीना
– कंटीली झाडि़यां काटी तो किसी ने पत्थर बाहर फेंके
– फावड़ा चलाकर की खुदाई
रियांश्यामदास . राजस्थान पत्रिका के अमृतम जलम अभियान के तहत मंगलवार को विश्व पर्यावरण दिवस पखवाड़ा के तहच कस्बे के चंद्रशेखर शंकराचार्य मठ के पास स्थित गंवाई नाडी में ग्रामीणों ने श्रमदान कर साफ सफाई की। श्रमदान में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। महिलाओं ने हाथों में फावड़ा और तसला उठाया और तालाब के एक छोर पर लगी झाडिय़ों और कचरा को साफ किया। महिलाओं ने छोटे मोटे पत्थरों को बाहर डालकर तालाब परिसर की सफाई की। पुरुषों ने कंटीली झाड़ियों को काटा ।
मेहनत का दिखने लगा असर
कुछ ही घंटो में श्रमवीरों की मेहनत का असर दिखने लगा है। तालाब के घाट एकदम साफ नजर आने लगे। श्रमदान को लेकर आमजन, जनप्रतिधियों, समाजसेवी संगठनों के कार्यकर्ताओं व युवाओं में काफी उत्साह था। इस मौके पर आगे भी सफाई अभियान जारी रखने व जल स्रोतों के संरक्षण की शपथ दोहराई।
–पत्रिका की आवाज बन रही प्रेरणास्रोत
पत्रिका के अमृतम् जलम् अभियान के तहत कस्बे सहित आसपास के गांवों के श्रमवीर एकजुट नजर आए। जोश के साथ लोगों ने तालाब किनारे जमा कचरे को हटाने का काम किया। सफाई कर जन-जन को बताना है, बूंद-बूंद पानी बचाना है। जैसे नारों के बीच सुबह लोगों ने सफाई शुरू की। महिलाओं ने मंगलगीत गाए ।
महिलाओं ने कहा कि अगर गांवों के तालाब जीवित रहेंगे तो जंगलों में विचरण करने वाले मवेशियों के लिए जीवन दायक बनकर उभरेंगे। उन्होंने कहा कि तालाबों , नाडियों की साफ़ सफाई व पानी भरा रहने से आवारा पशुओं के लिए जीवन स्रोत रहेंगे।
इनका कहना
बच सकेगी धरोहरें
तालाब आसपास के क्षेत्र के प्राकृतिक वातावरण व सौन्दर्य को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। पत्रिका के अभियान के जरिए गांवों के तालाबों को नया जीवनदान मिलेगा। – प्रकाश बजाड़, ठेकेदार।
— जल के बिना जीवन शून्य है।
जल के बिना कुछ नहीं , सभी को इस पर ध्यान देना चाहिए। हमें बारिश के पानी को संग्रहित करने का प्रयास करना होगा। पत्रिका की मुहिम में ज्यादा से ज्यादा लोगों को भागीदार बनना चाहिए। – दयालाराम बजाड़।
— समाज के इस पुनित कार्य के प्रति लोगों में चेतना जगानी होगी। समाज के विकास और सामाजिक कार्यों के प्रति जागरूकता का पत्रिका कार्य करती रही है। हम पत्रिका के अभियान के साथ हैं। सबको मिलकर गांव की नाडी, तालाबों की सुरक्षा व साफ सफाई के लिए विशेष कदम उठाने की आवश्यकता है। – छोटूदीन