नागौर. बढ़ती गर्मी के साथ जिले की बिजली वितरण व्यवस्था ढेर हो गई है। डिस्कॉम के अभियंताओं की भारी-भरकम फौज होने के बाद भी यह वितरण व्यवस्था संभल नहीं रही है। जिले में नागौर, मेड़ता, जायल, मेड़ता, खींवसर डेगाना सहित ज्यादातर क्षेत्रों में अघोषित कटौती के चलते हालात बिगड़ चुके हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि बढ़ती खपत की वजह से ट्रिपिंग होने के चलते बिजली गुल हो रही है, लेकिन स्थिति यह है कि एक ही दिन में पांच से छह बार की अघोषित रूप से घंटों की जा रही बिजली कटौती के चलते अब जीवनचर्या अस्तव्यस्त हो चुकी है।
तापमान बढऩे के साथ ट्रांसफार्मर फेल
गर्मी का तापमान बढऩे के साथ ही बिजली वितरण व्यवस्था औंधे मुंह गिर चुकी है। विभाग की ओर से लगे हांफते ट्रांसफार्मर भी अब जवाब देने लगे हैं। पड़ताल के दौरान सामने आया कि जिले के ज्यादातर क्षेत्रों में जीर्ण-शीर्ण तारों के साथ लगे यह ट्रांसफार्मर भी पुराने होने के साथ लोड संभाल नहीं पा रहे हैं। जबकि डिस्कॉम की ओर से रखरखाव के नाम चार से पांच घंटे तक जिले में पहले से की अघोषित कटौती की जा रही है। अब घोषित कटौती के साथ अघोषित कटौती दोहरे भार में फंसी आम जनता भीषण गर्मी में त्रस्त हो चुकी है। इस संबंध में अधीक्षण अभियंता से लेकर सहायक अभियंता स्तर तक लोगों ने लिखित रूप से समस्याएं भी बता दी है। इसके बाद भी डिस्कॉम सुनवाई करने की जगह कटौती करने में लगा हुआ है।
एमडी के आदेश भी भूले अधिकारी
जिले की बिजली वितरण व्यवस्था को सुव्यवस्थित रूप से बनाए रखने के लिए डिस्कॉम के अधिकारियों ने अजमेर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक के दिशा-निर्देशों को भी दरकिनार कर दिया है। खराब बिजली के ट्रांसफार्मर बदलने एवं बेहतर केबल व्यवस्था करने के निर्देश अजमेर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक की ओर से कुछ दिनों पहले ही नागौर अधीक्षण अभियंता कों दिया गया था। इसके बाद भी आए दिन कहीं ट्रिपिंग हो रही है, तो कहीं ट्रांसफार्मर ही हांफने लगा है। इसका असर बिजली की वितरण व्यवस्था पर पड़ा है।
नागौर शहर में भी पटरी उतरी व्यवस्था
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली वितरण व्यवस्था पहले ही ढेर हो चुकी है। स्थिति यह है कि शहर की इंदिरा कॉलोनी हो या फिर बाठडिय़ा का चौक, हर दिन एक ही इलाके में पांच से छह बार अघोषित कटौतियां की जा रही है। यह स्थिति एक दिन की नहीं है, बल्कि पिछले कई दिनों से यह हालात बने हुए है। पड़ताल में राठौड़ी कुआं, खाईं की गली, रानी बाजार, बाजरवाड़ा, हाउसिंग बोर्ड ताऊसर रोड, हाउसिंग बोर्ड बालवा रोड नया दरवाजा, कृषि मंडी, काठडिय़ा का चौक , बाहेतियों की गली आदि क्षेत्रों में गत पंद्रह दिनों में हुई रिकार्ड कटौती की वजह से स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। स्थिति यह हो गई है कि बिजली के आने-जाने का अब कोई समय निर्धारित नहीं रह गया है।
मनमर्जी की कटौती से पानी भरने में भी मुश्किल
संबंध में काठडिय़ा का चौक में राजाराम, पुखराज, दिनेश, महेश, रामलाल, श्यामसुंदर, राजाराम, मनोज, दिनेश, अनिल एवं कृषि मंडी के पीछे स्थित कॉलोनी के शेर सिंह, प्रभुराम, रामसुमेर एवं सियाराम से बातचीत हुई तो इनका कहना था कि रखरखाव के नाम पर मनमर्जी से काट दी जाती है। खासकर जलापूर्ति के दौरान बिजली अक्सर गुल हो जाती है। इसकी वजह से अब जीवनचर्या ही भंग हो चुकी है।
जीएसएस में नहीं मिलते अभियंता
कृषि मंडी एरिया के निकट रहने वाले गोपाल, भोलाराम, रमाशंकर का कहना है कि घंटों बिजली गायब होने की स्थिति में वह विभाग की ओर से दिए गए कंट्रोलरूम नंबर एवं टोल फ्री नंबरों पर फोन करते हैं, लेकिन उनकी कॉल का कोई जवाब ही नहीं मिलता है। अभियंताओं के नंबरों पर कॉल करो तो फिर यह बिलकुल नहीं उठाते हैं। संबंधित जीएसएस में जाने पर कोई मिलता तक नहीं है। इस संबंध में वह अधीक्षण अभियंता कार्यालय में शिकायत भी लिखित रूप से देकर आए। इसके बाद भी समाधान नहीं हुआ।
इनका कहना है…
गर्मी में बिजली की बढ़ती खपत की वजह से मुश्किल हो रही है। फिर भी बिजली वितरण व्यवस्था को सुचारु रूप से बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। इस संबंध में दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इसके बाद भी कहीं, स्थिति सही नहीं तो उपभोक्ताओं की ओर से प्रकरण आया तो इसे देखवा लिया जाएगा।
अशोक चौधरी, अधीक्षण अभियंता, अजमेर डिस्कॉम-नागौर