राजनीतिक संकट: अंतरिम सरकार के मुखिया पर चुनाव टालने का आरोप
ढाका. बांग्लादेश में मौजूदा राजनीतिक संकट के चलते चारों ओर से घिर रहे अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने खुद को बचाने के लिए अस्थिरता और अराजकता के लिए भारत पर ठीकरा फोड़ना शुरू कर दिया है। राजनीतिक गठबंधन ‘नागरिक एकता’ के अध्यक्ष महमूदुर रहमान मन्ना से मुलाकात में यूनुस ने दावा किया कि बांग्लादेश में भारतीय आधिपत्य को फिर से हासिल करने की साजिश रची जा रही है। यूनुस के मुताबिक, बांग्लादेश अब युद्ध जैसी स्थिति से गुजर रहा है, अवामी लीग की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के बाद से हालात और बिगड़ गए हैं और देश को बचाने के लिए एकजुटता जरूरी है।
यूनुस के खिलाफ विरोध तेज
दूसरी ओर, यूनुस सरकार के खिलाफ विरोध तेज होता जा रहा है। खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी चुनाव की मांग पर अड़ी है, वहीं शिक्षकों, राजस्व कर्मियों और व्यापारिक वर्ग ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सचिवालय में प्रदर्शन, राजस्व अधिकारियों की कामबंदी और प्राथमिक शिक्षकों की हड़ताल से प्रशासन ठप है। टेक्सटाइल उद्योग संकट में है और व्यापारी वेतन तक देने में असमर्थ हैं।
चुनाव को लेकर असमंजस बढ़ा
चुनाव को लेकर असमंजस गहराता जा रहा है। पहले दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने की बात कहने वाले यूनुस ने अब जून 2026 तक की मोहलत मांगी है। सेना प्रमुख पहले ही दिसंबर तक चुनाव की वकालत कर चुके हैं। इन हालात में यूनुस का भारत विरोधी नैरेटिव, देश में बढ़ते गुस्से से ध्यान भटकाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
बांग्लादेश के भी दो चिकन नेकः हिमंत
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बांग्लादेश को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वह भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) को लेकर धमकी देगा, तो उसे अपने दो नाजुक कॉरिडोर—नॉर्थ बांग्लादेश (80 किमी.) और चटगांव (28 किमी.)—की भी चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा, इन पर चोट बांग्लादेश को बर्बादी की ओर ले जा सकती है। यह बयान मुहम्मद यूनुस के चीन यात्रा के दौरान दिए गए उस विवादित बयान के करीब दो माह बाद आया है, जिसमें भारत के सात ‘लैंडलॉक्ड’ पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बांग्लादेश को ‘समुद्र का एकमात्र संरक्षक’ कहा गया था।