बस अगस्त तक इंतजार, 140 करोड़ की लागत से तैयार होगा एयरपोर्ट जैसा रेलवे स्टेशन

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उत्तर-पश्चिम रेलवे के अहम जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर करवाए जा रहे करीब 140 करोड़ रुपए की लागत वाले कार्य अब अपने अंतिम दौर पहुंच गए हैं। जोधपुर मार्ग पर अवस्थित रेलवे स्टेशन की बाहर और भीतर से तस्वीर पूरी तरह से परिवर्तित भी हो चुकी है। प्रवेश और निकासी के विशाल प्रोलनुमा द्वारों और भीतर प्लेटफार्मों पर छतों से लेकर सीढिय़ां, लिफ्ट्स, स्वचालित सीढ़ी यानी एस्क्लेटर और विद्युतीकरण के लिए करवाए गए कार्यों के साथ ही यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनवाए जा रहे निर्माणों से यह स्टेशन किसी एयरपोर्ट का अहसास करवा रहा है। दो साल से ज्यादा समय से चल रहे इस कार्य को अब आगामी जुलाई या अगस्त माह में पूरा करवाने का लक्ष्य है। रेलवे सूत्रों के अनुसार अधिकांश निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। अब अंतिम दौर का इंटीरियर व थोड़ा तकनीकी कार्य ही शेष रहा है। यह सब आगामी दो-तीन महीनों में पूरा हो जाएगा। जैसलमेर के बाशिंदे बड़ी शिद्दत से इन कार्यों के पूर्ण होने की बाट जोह रहे हैं। स्टेशन से यात्रा करने वालों के साथ ही इस मार्ग से आवाजाही करने वाले लोग बड़ी दिलचस्पी से चल रहे कार्यों को देखते हैं। वैसे स्टेशन के पुनर्विकास के कार्य गत वर्ष ही पूर्ण हो जाने थे।

48 हजार वर्गफीट में करवाए जा रहे कार्य

सीमावर्ती शहर जैसलमेर के रेलवे स्टेशन पर 140 करोड़ रुपए की लागत से 48 हजार वर्गफीट से ज्यादा क्षेत्र में पुनर्विकास का कार्य किया जा रहा है। विशाल मुख्य द्वारों के अलावा स्टेशन पर जैसलमेरी पत्थर से बहुमंजिला भवनों व चारदीवारी व प्लेटफार्म पर आधुनिक अंदाज के कार्य करवाए गए हैं।

जैसलमेर का चयन उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल के उन 15 स्टेशनों में किया गया था, जहां अमृत भारत स्टेशन योजना के कार्य करवाए जा रहे हैं। इसके अलावा जैसलमेर स्टेशन पर 52 करोड़ रुपए की लागत से ट्रेन अनुरक्षण डिपो का निर्माण भी अलग से करवाया जाएगा। इसमें एक वॉशिंग लाइन दो हैवी रिपेयर और दो स्टेबल लाइन का भी निर्माण होना है।

माना जा रहा है कि पुनर्विकसित स्टेशन में कई अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं मिलेंगी और पूर्व में मिलने वाली सुविधाओं के परिष्कार से भी आवाजाही करने वाले यात्री लाभान्वित हो सकेंगे।

अमृत भारत योजना के तहत स्टेशनों पर लेंडस्केप के साथ सर्कुलेटिंग एरिया का विकास, अलग-अलग प्रवेश व निकास द्वार, टू-व्हीलर, फोर-व्हीलर और ऑटो रिक्शा के लिए अलग-अलग पार्किंग की सुविधा विकसित की जानी है।

यात्री क्षमता के अनुसार विशाल प्रवेश हॉल का निर्माण, कोच इंडिकेशन बोर्ड का प्रावधान, वेटिंग रूम, स्टेशन बिल्डिंग के आंतरिक व बाहरी भाग में उत्कृष्ट साज-सज्जा, स्थानीय लोक कला से निर्माण, नए प्लेटफॉर्म शेल्टर, दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाएं, बेहतर साइनेज की सुविधा, 12 मीटर चौड़ाई के फुट ओवर ब्रिज आदि यात्री सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

जैसलमेर स्टेशन की मुख्य बिल्डिंग 8227 वर्गमीटर के क्षेत्रफल में होगी। यहां 36 गुणा 28 मीटर चौड़ाई का एयर कॉनकार्स होगा। जिसमें फुड कोर्ट, शॉपिंग कोर्ट, कैफेटेरिया, वेटिंग एरिया और प्ले एरिया होगा। स्टेशन के विकास कार्य 48315 वर्गमीटर क्षेत्र में करवाया जा रहा है।

यहां यात्रियों की सुविधा के लिए 10 लिफ्ट और इतने ही एस्केलेटर का प्रावधान किया गया है। इसमें इको फेंडली सिस्टम के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, रेन वाटर हार्वेसिंग और ग्रीन बिल्डिंग पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा हरित पर्यावरण के लिए सोलर पैनल्स लगाए जाने हैं।
नई टे्रनों का सपना होगा साकार?
जैसलमेर स्टेशन पर नवनिर्माणों के साथ वॉशिंग लाइन व पिट लाइन आदि के बनने से यहां लम्बी दूरी की नई टे्रनों की शुरुआत किए जाने का सपना भी साकार होने की उम्मीद जगी है। जैसलमेर में प्रतिवर्ष लाखों की तादाद में देशी-विदेशी सैलानी आते हैं। इसके अलावा सेना और अद्र्धसैनिक बलों के हजारों जवानों की मौजूदगी यहां पर है। कई ऐसी लम्बी दूरी की टे्रनें जैसलमेर तक बढ़ाई जा सकती हैं, जो जोधपुर या बीकानेर से आती-जाती है।

जल्द पूरा होगा काम

जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर चल रहा पुनर्विकास का कार्य अब अंतिम दौर में है। हमारा लक्ष्य है कि ये कार्य आगामी जुलाई या अगस्त माह तक पूर्ण हो जाए। इतने बड़े पैमाने पर कार्य करवाए जाने के बाद नई ट्रेनों की शुरुआत की भी उम्मीद की जा सकती है।

कै. शशिकिरण, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर-पश्चिम रेलवे, जोधपुर