– चरण स्थापना समारोह का आयोजन, 72 आसनों पर विधान
अजमेर. आचार्य विद्यासागर के चरणों की प्रतिकृति अजमेर के वैशाली नगर स्थित पार्श्वनाथ कॉलोनी के जैन मंदिर में विधि-विधान पूर्वक स्थापित की गई।
आचार्य के 108 किलो वज़नी चरण कमलों को पहले नगर में प्रवर्तन कराया गया। अपराह्न में 72 आसनों पर आचार्य छत्तीसी विधान किया गया। अष्ट धातु से बने चरण कमलों की प्रतिष्ठा छत्तीसगढ़ स्थित डोंगरगढ़ में निर्यापक मुनि समता सागर के सान्निध्य व ऐलक धैर्य सागर के मार्गदर्शन में की गई है।
आचार्यश्री ने किया जन कल्याणमुनि श्री नीरज सागर ने कहा कि आचार्यश्री ने आत्म-कल्याण के साथ जन-कल्याण के कार्य किए। ‘इंडिया नहीं, भारत बोलो’ का उनका नारा चरितार्थ हो रहा है। उनके बालिका शिक्षा एवं गौ संरक्षण की प्रेरणा से लाखों गोवंश की सेवा की जा रही है।
स्वरोज़गार और स्किल इंडिया पर काम
मुनि निर्मद सागर ने कहा कि स्वरोज़गार के लिए उनकी प्रेरणा से देश के छह राज्यों में हथकरघा प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है। अजमेर स्थित केंद्र में तिहाड़ जेल से छूटे बंदी द्वारा हथकरघा चलाकर जीविकोपार्जन किया जा रहा है। जीवदया के कार्यों में भी हथकरघा केंद्रों की भूमिका है।
मुनि संघ का प्रवास पार्श्वनाथ कॉलोनी में
आचार्य विद्यासागर के शिष्य मुनि नीरज सागर व निर्मद सागर का प्रवास पार्श्वनाथ कॉलोनी में चल रहा है। नियमित प्रवचन सुबह 9 बजे संत शाला में हो रहे है।