फसल बीमा क्लेम से वंचित किसानों ने डाला महापड़ाव

सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). फसल बीमा कंपनी क्षेमा इंश्योरेंस की ओर से निराधार आपत्तियां लगाकर टिब्बा बेल्ट के किसानों का रबी 2023 तथा खरीफ 2024 का बीमा क्लेम अटकाने से नाराज सैकड़ों किसानों ने गुरुवार को पूर्व विधायक राजेन्द्र भादू के नेतृत्व में बीमा क्लेम भुगतान की मांग को लेकर उपखंड कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन महापड़ाव डाल दिया।
लेकिन दोपहर बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों के वार्ता के लिए बाहर नहीं आने पर आक्रोशित किसान एसडीएम कार्यालय की दीवारें फांदकर अंदर घुस गए और परिसर में धरना शुरू कर दिया। इस दौरान प्रशासन के साथ प्रदर्शनकारियों की तीखी तकरार भी हुई। जिसके बाद प्रशासन और बीमा कंपनी के अधिकारियों से किसान प्रतिनिधियों की दो दौर की वार्ता हुई लेकिन सिरे नहीं चढ़ सकी। किसान नेताओं ने वार्ता के लिए बीमा कंपनी के राज्य प्रभारी को मौके पर बुलाने की मांग की है। देर रात्रि तक बड़ी संख्या में किसान उपखंड कार्यालय के आगे महापड़ाव पर डटे हुए थे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस उपाधीक्षक प्रतीक मील, शहर थानाधिकारी दिनेश सारण, सदर थानाधिकारी रामकुमार लेघा के नेतृत्व में पुलिस का भारी जाब्ता तैनात रहा।
जानकारी के अनुसार फसल बीमा क्लेम की मांग को लेकर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत टिब्बा क्षेत्र के सैंकड़ों किसान गुरुवार को पूर्व विधायक राजेन्द्र भादू व अन्य किसान नेताओं की अगुवाई में रोष जुलूस निकालते हुए उपखंड़ कार्यालय पहुंचे और महापड़ाव डाला। धरनास्थल पर पूर्व विधायक भादू ने कहा कि फसलों के खराब होने के बावजूद बीमा कम्पनी की ओर से निराधार आपत्तियां लगाकर किसानों को रबी 2023 व खरीफ 2024 का फसल बीमा क्लेम नहीं दिया जा रहा है। फसल बीमा कंपनी ने पहले क्रॉप कङ्क्षटग के आंकड़ों में गड़बड़ी कर किसानों को फसल खराबे का बीमा नही दिया और अब निराधार आपत्तियां लगाकर किसानों को फसल बीमा क्लेम के भुगतान से वंचित कर रही है।

दो दौर की वार्ता रही विफल

बाद में किसान नेताओं की प्रशासन के साथ वार्ता हुई लेकिन बीमा कंपनी के अधिकारी नहीं होने के चलते वार्ता सिरे नहीं चढ़ सकी। जिसके बाद प्रशासन की ओर से बीमा कंपनी के श्रीगंगानगर प्रतिनिधि को मौके पर बुलाया गया। शाम करीब सात बजे बीमा कंपनी के जिला प्रभारी के पहुंचने पर प्रशासन की मध्यस्थता में किसान नेताओं की कंपनी अधिकारी से वार्ता हुई। जिसमें किसान नेताओं ने कंपनी पर किसानों का क्लेम नहीं देने पर भारी रोष प्रकट किया। किसान नेताओं ने कहा कि डीजीआरसी बैठक में कलक्टर तथा कृषि आयुक्तालय कंपनी को बीमा क्लेम देने के आदेश दे चुका है फिर भी कंपनी जानबूझकर भुगतान नहीं कर रही है। कंपनी अधिकारी की ओर से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर किसान नेता कंपनी के स्टेट हैड के साथ वार्ता के लिए अड़ गए। ऐसे में दूसरे दौर की वार्ता भी सिरे नहीं चढ़ सकी। जिसके बाद प्रशासन ने कंपनी के स्टेट हैड को शुक्रवार को किसानों से वार्ता के लिए बुलाया है। किसानों का महापड़ाव रात्रि को भी जारी था।

Leave a Comment