-बस स्टैंड, स्टेशन और अन्य विभागों के शौचालय बदहाल
अजमेर. स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम के अजमेर पहुंचने के दिन नजदीक आने के साथ ही नगर निगम प्रशासन की चिंता बढ़ने लगी है। सर्वेक्षण टीम सार्वजनिक सुविधाओं की भी मार्किंग करेगी। इस मर्तबा पहली बार सर्वे में माइनस मार्किंग का प्रावधान है। सर्वेक्षण टीम इसी माह के मध्य अजमेर आएगी। जिसके चलते निगम प्रशासन ने सार्वजनिक टॉयलेट्स की सुध लेनी शुरू कर दी है।
पब्लिक टॉयलेट-सड़क की सफाई के 2500 अंक
सर्वेक्षण के मार्किंग सिस्टम में शहर की सफाई के कुल 12500 अंक हैं। इनमें खुले में शौच मुक्त के 2500, सड़क पर गंदगी के 1500 तथा सार्वजनिक शौचालयों-मूत्रालयों की सफाई के 1000 अंक निर्धारित हैं।
विभाग नहीं करते सार्वजनिक टॉयलेट की सफाई
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि शहर में सब्जी मंडी, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित कई विभागों के परिसर में पब्लिक टॉयलेट की सफाई का जिम्मा संबंधित विभागों का होता है। लेकिन विभाग इस ओर ध्यान नहीं देते। टॉयलेट क्षतिग्रस्त होने या गंदे होने पर निगम को सार-संभाल करनी पड़ती है।
शहरों का आबादी अनुसार वर्गीकरण
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों के सर्वेक्षण प्रावधान में इस बार कुछ बदलाव किए गए हैं। इसमें शहरों को आबादी अनुसार सूचीबद्ध किया गया है। 20 हजार से 10 लाख प्लस तक की चार श्रेणी में शहरों को बांटकर अंकों का विभाजन कर सफाई में माइनस मार्किंग की गई है।