राज्य समान परीक्षा योजना के तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक की परीक्षाओं में गफलत देखने को मिले। दरअसल, अर्द्धवार्षिक परीक्षा के दौरान कक्षा 9 वीं और 10 वीं के विद्यार्थियों का स्वास्थ्य शिक्षा का पेपर था, लेकिन अंग्रेजी माध्यम के छात्रों को हिंदी माध्यम का प्रश्न पत्र वितरित कर दिया गया।
इस कारण छात्रों के लिए परेशानी खड़ी हो गई। इस तरह की गफलत होने पर संस्था प्रधानों ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) को सूचित किया। डीइओ ने उच्चाधिकारियों से बात की और इस परिस्थिति का समाधान निकालने के प्रयास किए। श्रीगंगानगर-अनूपगढ़ जिले में संचालित 82 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में से लगभग दो दर्जन विद्यालयों को हिंदी माध्यम के प्रश्न पत्र वितरित किए गए थे।
हिंदी माध्यम के प्रश्न पत्रों का अंग्रेजी में किया अनुवाद
तत्काल अंग्रेजी माध्यम के प्रश्न पत्र उपलब्ध नहीं थे, लेकिन अधिकारियों ने यह निर्णय लिया कि हिंदी माध्यम के प्रश्न पत्रों का अंग्रेजी में अनुवाद किया जाए ताकि छात्रों की परीक्षा समय पर सपन्न हो सके। इस चूक के कारण छात्रों का कुछ समय बर्बाद हुआ, जिसके लिए उन्हें अतिरिक्त समय देकर पूर्ति की गई।
राज्य स्तर से सभी विद्यार्थियों के लिए हिंदी का ही प्रश्न पत्र त्रुटि से आ गया। जब छात्रों को हिंदी माध्यम का पेपर बांटा गया तो अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों ने संस्था प्रधान को अवगत करवाया। सूचना मिलते ही तत्काल प्रभाव से हिंदी पेपर का अंग्रेजी में अनुवाद करवा कर परीक्षा ली गई।
गिरजेशकांत शर्मा, सीडीइओ, शिक्षा विभाग
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