नागौर. शहर के शारदापुरम में सेक्टर सात में लोगों को न तो पक्की सडक़ मिली, और न ही सफाई व्यवस्था की स्थिति सुधरी। यहां पर मापदण्ड को ताक पर रखकर हुए सीवरेज के आधे-अधूरे निर्माण की वजह से इसके गंदे पानी के कारण परेशान भी होना पड़ रहा है। स्थानीय बाशिंदे बताते हैं कि आने-जाने के लिए दो मार्ग है, लेकिन दोनों मार्ग लगभग बंद से हो चुके हैं। स्थानीय पाषर्द बताते हैं कि रास्ते के दोनो तरफ अस्थाई एवं स्थाई हुए कब्जों की वजह से यह पूरा रास्ता संकरी गली की स्थिति में पहुंच गया है। इसका खामियाजा आम को भुगतना पड़ रहा है।
अधूरी लाइन, चेंबर भी ऊंचा बना
क्षेत्र में मार्ग के पास बना सीवरेज चेंबर दो फीट ऊपर बनाया गया है। इसके साथ ही सीवरेज लाइन भी पूरी नहीं डाली गई है। इस वजह से पानी भरने के कारण पूरे रास्ते का आवागमन प्रभावित रहता है।
बिखरी कंकरीट, गंदगी से बढ़ी परेशानी
दोनों ही रास्तों की हालत बेहद खराब है। मौके पर न केवल गंदगी मिली, बल्कि भवन निर्माण के लिए लाकर रखी गई सामग्री भी इस पूरे रास्ते के आवागमन को बाधित करती नजर आई। स्थानीय निवासियों के अनुसार इस संबंध में नगरपरिषद में वह आधा दर्जन बार लिखित रूप से जानकारी दे चुके हैं। इसके बाद भी यह समस्या बनी हुई है।
मौके पर बुलाया पार्षद को, इस्तीफा देा या समस्या हल करो
स्थानीय बाशिंदों ने शुक्रवार को दोपहर पार्षद मनीष कच्छावा को क्षेत्र में बुलाया और समस्या से अवगत कराया। लोगों ने रास्तों की हालत दिखाई, और कहा गया कि इसका समाधान कराएं नहीं तो फिर इस्तीफा दे दें। स्थानीय निवासियों के बदले हुए तेवरों को देखकर कच्छावा ने उनको समझाते हुए कहा कि वह अपनी ओर से इस समस्या को लेकर नगरपरिषद में लिखित रूप से अवगत करा चुके हैं। प्रयास कर रहे हैं कि उनकी समस्या जल्द ही समाप्त हो जाए।
पीडि़तों की जुबानी, उनकी समस्याएं
यहां पर घर बनाकर अफसोस हो रहा है। आने-जाने तक के लिए रास्ता नहीं मिल पा रहा है। यहां पर गंदगी के साथ ही पक्की सडक़ का भी अभाव है। यह काफी अफसोसजनक स्थिति है कि हमारी सुनवाई ही नहीं हो रही।
उमरदान चारण, स्थानीय निवासी
सीवरेज की लाइन पूरी डाली नहीं गई है। इसके साथ ही यह मुख्य मार्ग से दो फीट ऊंचा बना दिया गया है। अब इसका गंदा पानी पूरे रास्ते पर बहता रहता है। इसकी फोटो तक खींचकर अधिकारियों को दिखाई, फिर भी समस्या नहीं सुलझी
ओमप्रकाश चौधरी, स्थानीय निवासी
नगरपरिषद को मौके पर खुद आकर देखना चाहिए कि इस क्षेत्र का क्या हाल है। इस पूरे एरिया की हालत बेहद खराब है। लोगों को आने-जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। अधिकारी सुनते ही नहीं हैं।
बस्तीराम मुडेल, स्थानीय निवासी
इस कॉलोनी में आने-जाने के लिए एक निर्धारित मापदण्ड के तहत रास्ता मिलना चाहिए, लेकिन मिला नहीं। दो रास्ते जरूर हैं, लेकिन इनकी हालत बेहद खराब है।
भगवतीदेवी, स्थानीय निवासी
शहर के इस क्षेत्र में रहते हुए भी हमें लग रहा है कि हम शहर में रहते ही नहीं हैं। रास्तों को व्यवस्थित करने के साथ ही सफाई आदि की समस्या को लेकर कई बार नगरपरिषद गए, लेकिन केवल आश्वासन मिला।
सरिता, स्थानीय निवासी
पार्षद बोले…
नागौर का इस समय कोई धणी धोरी कौन है, कुछ समझ में नहीं आ रहा है। प्रदेश में भाजपा की सरकार है, फिर भी भाजपा पार्षद की ही सुनवाई नहीं हो रही है। पूरे वार्ड की हालत खराब है। समस्याओं की भरमार है, लेकिन जिम्मेदार तो सुन ही नहीं रहे।
मनीष कच्छावा, क्षेत्रीय पार्षद