Dausa News: बुजुर्ग की हत्या मामले में 7 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, 8 दोषियों को उम्रकैद; मृतक के बेटों को भी सजा

सिकराय। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 7 साल पहले जमीनी विवाद में बुजुर्ग की हत्या के मामले में आठ दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसी मामले में दूसरे पक्ष के प्रकरण में फैसला देते हुए दो दोषियों को 10- 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मामला मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र के चांदेरा गांव में 21 जून 2017 का है। इस सम्बंध में एक पक्ष के बुधराम ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी 19 बीघा 8 बिस्वा भूमि खातेदारी में पिता रेवडमल के नाम से दर्ज है और वर्षों से जुताई-बुवाई करते आ रहे हैं।

उक्त भूमि पर उनके गांव के ही भरोसी व शिवराम आदि जबरन कब्जा करना चाहते हैं। 21 जून 2017 को वह अपने पिता रेवडमल, मां, पत्नी व भाभी के साथ बाजरे की बुवाई करने खेत पर गए थे। तभी दूसरे पक्ष के भरोसी, घम्मन, मनोहरी समेत एक दर्जन लोगों ने एकराय होकर उन पर जानलेवा हमला कर दिया। राजेन्द्र ने उसके पिता रेवडमल पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया और कई अन्य ने धारदार हथियारों से हमला कर दिया। साथ ही अन्य परिजनों से भी मारपीट की। जिन्हें इलाज के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसके पिता रेवडमल की मौत हो गई। इस पर पुलिस ने हत्या समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कर जांच करते हुए कोर्ट में चार्जशीट पेश की।

न्यायालय में 33 गवाह और 77 दस्तावेज पेश किए गए। जिनके आधार पर सम्पूर्ण विवेचन के बाद कोर्ट ने आरोपी भरोसी, मनोहरी, बनवारीलाल, धर्मराज, शिवराम, मोहरसिंह, राजेन्द्र व घम्मन को हत्या समेत कई धाराओं में दोषी करार दिया। जबकि अन्य आरोपी प्रेम देवी, हेमा, गुड्डी, ममता, मीरा, शीला, सुमेर सिंह, धर्मेन्द्र व बेलराज को संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त किया गया। मामले में एडीजे प्रदीप कुमार ने हत्या के दोषी भरोसी, मनोहरी, बनवारी, धर्मराज, शिवराम, मोहरसिंह, राजेन्द्र व घम्मन को उम्रकैद और 25-25 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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मृतक के दो बेटों को भी सजा

एडीजे ने इसी मामले में दूसरे पक्ष के मनोहरी मीणा द्वारा रेवडमल, सुखराम व बुद्धराम समेत कई अन्य के खिलाफ दर्ज कराए गए प्रकरण में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 19 गवाह और 39 दस्तावेज पेश किए गए। जिनके आधार पर आरोपी को बुधराम, रेवडमल, केशन्ती देवी, निशा देवी व सोनम देवी को कई धाराओं में दोषी करार दिया गया, जबकि कई धाराओं में संदेह का लाभ देकर दोष मुक्त करने का आदेश दिया। एडीजे प्रदीप कुमार ने मामले में दोषी बुधराम व सुखराम मीना पुत्र रेवडमल को 10 साल के कठोर कारावास और 20 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई।

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