बूंदी. रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व में बुधवार को अभेड़ा बॉयोलोजिकल पार्क से लाया गया नर बाघ शावक एनक्लोजर में छोड़ा गया। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में मां की मौत के बाद बेसहारा हुए ढाई माह के दो शावकों को कोटा के अभेड़ा बॉयोलोजिकल पार्क में डेढ़ साल तक पाला गया और करीब 22 माह के युवा होते एक नर शावक को रामगढ़ के शॉट एनक्लोजर में लाया गया।
लंबे समय से दोनों बाघ शावकों को जंगल में छोडऩे की मांग वन्यजीव प्रेमियों द्वारा की जा रही थी। लंबी प्रशासनिक प्रक्रिया के बाद नर शावक को रामगढ़ तथा मादा शावक को मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में छोड़ने के लिए आदेश जारी हुए थे। इसके तहत बुधवार को रामगढ़ में मेज नदी किनारे महलों के पास बनाए एनक्लोजर में छोड़ा गया।
गौरतलब है कि फरवरी, 2023 में रणथंभौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर से बाघिन टी-114 की मृत्यु के बाद उसके दो शावक (एक नर व एक मादा) को अभेडा बॉयोलोजिकल पार्क, कोटा में स्थानान्तरित किया गया था। दोनों शावकों को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व एवं मुकुन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व के संरक्षित क्षेत्र में स्थानान्तरित करने के लिए उप वन संरक्षक (वन्यजीव), कोटा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था।
कमेठी की सिफारिश अनुसार दोनों शावकों रिवाङ्क्षल्डग के लिए रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, एवं मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में स्थित एन्क्लोजर में छोडऩे का निर्णय लिया गया। केन्द्र सरकार तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक द्वारा एक नर शावक को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, में स्थित रामगढ़ महल एन्क्लोजर में स्थानान्तरित करने की अनुमति प्राप्त हो चुकी है, जिसकी पालना में मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व, कोटा की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा एनटीसीए के प्रोटोकॉल अनुसार एक नर शावक को बुधवार को एन्क्लोजर में स्थानान्तरित किया गया। रिवाल्डिंग की प्रक्रिया पूर्ण होने पर बाघ को टाइगर रिजर्व के खुले जंगलों में रिलीज किया जाएगा।