प्रसंगवश: निवेश को बढ़ावा देंगे आवागमन के सुविधायुक्त साधन

एक तरफ राज्य सरकार अपने यहां निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए हरसंभव जतन करने में जुटी है, वहीं रेल व हवाई सेवाओं के मामले में प्रदेश में अभी भी काफी कुछ करने की जरूरत है। राजस्थान की रेलवे ट्रैक पर प्रीमियम ट्रेनें नहीं दौड़ने से पर्यटन और विकास दोनों प्रभावित हो रहा है। यही हाल एयर कनेक्टिविटी का भी है। पर्यटन और उद्योग क्षेत्र में पहचान रखने वाले राजस्थान में यूं तो सालभर कई वाणिज्यिक, राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों से जुड़े बड़े आयोजन होते रहते हैं। यहां के पर्यटन स्थल लोगों को लुभाते भी हैं। फिर भी प्रदेश में तेजस, नमो रैपिड, दुरंतो, शताब्दी और राजधानी जैसी हाईस्पीड प्रीमियम ट्रेनों का पर्याप्त संचालन अब तक शुरू नहीं हुआ है। यहां सालाना लाखों देसी-विदेशी सैलानी आते हैं। निवेशकों और पर्यटकों को प्रदेश के शहरों तक पहुंचने के लिए कई घंटों का सफर करना मजबूरी हो जाता है।

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उत्तर पश्चिम रेलवे के पांच हजार किलोमीटर के नेटवर्क में वंदेभारत और डबल डेकर ट्रेनें छोड़ कोई नई प्रीमियम ट्रेन नहीं चलाई गई है। वर्तमान में सिर्फ अजमेर-नई दिल्ली शताब्दी, अहमदाबाद-नई दिल्ली राजधानी जैसी गिनी-चुनी ट्रेनें उपलब्ध हैं। ये भी उत्तर रेलवे जोन में हैं। वहीं, चंडीगढ़-अजमेर-चंडीगढ़ गरीब रथ, मुंबई सेंट्रल-हिसार दुरंतो ट्रेन भी दूसरे जोनल रेलवे की देन है। अनदेखी और लापरवाही का इससे बड़ा उदाहरण क्या होगा कि इस साल की शुरुआत में रेलवे बोर्ड ने उत्तर-पश्चिम रेलवे को वंदेभारत और मेमू ट्रेन की एक-एक रैक भेजी थी। उसका संचालन तो शुरू हुआ नहीं, वो रैक ही दूसरे जोनल रेलवे में भेज दी गई। प्रदेश में विस्टाडोम कोच जैसे आकर्षक विकल्प भी उपलब्ध नहीं हैं। जबकि गांधी नगर, पुणे, जबलपुर, भोपाल, इंदौर जैसे कई शहरों से संचालित ट्रेनों में यह सुविधा मिल रही है। कोटा, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर जैसे प्रमुख शहरों में शताब्दी, डबल डेकर, दुरंतो जैसी ट्रेनों की मांग सालों से उठ रही हैं, लेकिन पूरी नहीं हो पा रही। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि किसी भी प्रदेश की तरक्की में परिवहन साधनों की सुलभता ज्यादा प्रभावी साबित होती है। बेहतर सड़क मार्ग के साथ-साथ उच्च स्तरीय रेल परिवहन व सुगम विमान सेवाएं किसी भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था की धुरी होती है। इस दिशा में काम करना ही होगा। 

– आशीष जोशी: ashish.joshi@epatrika.com

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