Patrika Raksha Kavach Campaign: राजस्थान के डीग जिले में साइबर ठगों ने पुलिस की सख्ती के चलते ऑनलाइन ठगी से हटकर अब ऑफलाइन तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं। कामां क्षेत्र का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें ठग तंत्र-मंत्र के नाम पर नकदी दोगुनी करने का झांसा देकर लोगों को ठगते नजर आ रहे हैं।
झांसे में आने वाले लोगों को ठग एक कमरे में बिठा देते हैं। ठग का ही एक साथी कंबल ओढ़कर नोटों की ‘बारिश’ करता है। इस दौरान कमरे में आग लगाकर बेहोशी का नाटक किया जाता है, जिससे भयभीत लोग अपनी रकम वहीं छोडकऱ भाग जाते हैं। वायरल वीडियो कामां के बगीची गांव का बताया जा रहा है। ठगी करने वाले व्यक्ति बगीची और अकाता गांव के निवासी बताए जा रहे हैं।
जबकि झांसे में आने वाले अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश से हैं। स्थानीय व्यक्ति ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि वीडियो में दिख रह तीन व्यक्ति तंत्र-मंत्र का झांसा देकर रकम दोगुना करने का झांसा देते हैं।
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राज्य सभा ने मांगी जानकारी
राज्य सभा ने देशभर में 30 अक्टूबर तक हुई साइबर ठगी, तरीके और कितनी रकम ठगी गई, इसकी जानकारी मांगी है। राजस्थान पुलिस ने यह जानकारी राज्यसभा को भेज दी है। इसमें बताया कि राज्य में 22 विशेष प्रकार की साइबर ठगी हो रही है। एटीएम फ्रॉड, बिटकॉइन धोखाधड़ी, डेटा चोरी, ई-मेल स्कैम, अकाउंट हैक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोस्ती, नौकरी या इनाम का झांसा, डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन शामिल हैं। अक्टूबर तक राजस्थान में साइबर ठगी के 2246 मामले दर्ज किए गए, जिनमें करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई।
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ओटीपी से ठगी… सबसे अधिक मामले
साइबर ठगी के मामलों में ओटीपी फ्रॉड सबसे प्रमुख है। साइबर जालसाज, बैंक अधिकारी बनकर ओटीपी या बैंक खाते की जानकारी लेकर ठगी करते हैं। ये जालसाज ई-केवाईसी, एटीएम कार्ड ब्लॉक, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने, नई सुविधाएं देने का झांसा देते हैं। 3 वर्षों में राजस्थान में ओटीपी और बैंक धोखाधड़ी के 1518 केस दर्ज हुए, जिनमें 50.84 करोड़ रुपए की ठगी हुई। अकेले इस वर्ष 580 मामलों में 23.50 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई।
कैसे बचें
बैंक अधिकारी फोन पर कभी भी ओटीपी या बैंक संबंधी जानकारी नहीं मांगते।
किसी अनजान को अपनी बैंक सम्बन्धी जानकारी साझा न करें।
सतर्क रहें और संदेह होने पर तुरंत बैंक से संपर्क करें।