Rajasthan Govt: पूरे देश में राजस्थान को भविष्य में ट्रेन और मोटरसाइकिल जैसे परिवहन साधनों के लिए सस्ते ईंधन ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण रॉ मैटेरियल के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में पानी की कमी एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रही थी, जिसे अब सरकार ने प्रभावी रूप से हल कर लिया है। हाल ही, दो दिन पहले मंजूर की गई राजस्थान एकीकृत क्लीन एनर्जी-2024 नीति के तहत, खारे, वेस्ट और ट्रीटेड पानी से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए प्रोजेक्ट्स लगाने पर सरकार भूमि आवंटन में प्राथमिकता और रियायतें देने का ऐलान किया है। इस नीति में ग्रीन हाइड्रोजन के साथ-साथ ग्रीन एनर्जी, बायोमास और सीएनजी गैस उत्पादन को भी बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
500 केटीपीए के प्लांट के लिए ट्रांसमिशन पर 50 प्रतिशत की छूट: राजस्थान क्लीन एनर्जी नीति-2024 में ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। 500 किलोटन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता वाले पहले प्लांट के लिए, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के नेटवर्क से ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांसमिशन पर ट्रांसमिशन शुल्क में 7 साल तक 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यह छूट इसलिए दी गई है ताकि बड़े प्लांट स्थापित हो सकें और बिजली उत्पादन में उत्सर्जित होने वाले कार्बन का स्तर कम किया जा सके।
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टारगेट 2030
राज्य सरकार का लक्ष्य 2030 तक निम्नलिखित प्रमुख उपलब्धियों को हासिल करना है
2000 किलोटन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन प्रति वर्ष
90 गीगावाट क्षमता के सोलर प्लांट की स्थापना
25 गीगावाट विंड और हाइब्रिड क्षमता की स्थापना
10 गीगावाट एनर्जी स्टोरेज
ग्रीन हाइड्रोजन
राजस्थान सरकार, ग्रीन एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इनवेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (आरआइपीएस) के तहत विभिन्न रियायतें प्रदान करेगी।
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कॉन्ट्रैक्ट डिमांड के ढाई गुना अधिक क्षमता का ग्रीन एनर्जी प्लांट लगाने की अनुमति
ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए ग्रीन एनर्जी प्लांट की स्थापना पर बैंकिंग सुविधा
प्रसारण निगम के नेटवर्क पर ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांसमिशन पर 7 साल तक 50 प्रतिशत छूट
ग्रीन एनर्जी
सोलर प्रोजेक्ट्स लगाने के लिए राज्य स्तरीय एकल स्वीकृति समिति की मंजूरी की बाध्यता समाप्त की गई
10 मेगावाट से कम क्षमता के सोलर प्लांट और पार्क लगाने पर पंजीयन शुल्क में छूट