Ajmer Sharif Dargah Dispute : दुनियाभर में प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर राजस्थान सहित पूरे देश में विवाद छिड़ा हुआ है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इस विवाद के बाद देश में तमाम राजनीतिक दलों के नेता अपनी-अपनी बात को रख रहे हैं। इस विवाद पर अपनी चिंता जताते हुए राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर शरीफ दरगाह के भीतर शिव मंदिर का दावा करने वाले मुकदमे पर कहा, यह विवाद अभी कोर्ट में है। सर्वे के विषय में कोर्ट तय करेगी। कोर्ट का जो भी फैसला होगा, उसका सभी को पालन करना चाहिए। मेरा सभी से अनुरोध है कि इस पर राजनीति न करें, कोर्ट को फैसला करने दें।
विष्णु गुप्ता ने दायर की थी याचिका
इस विवाद की शुरुआत हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की एक याचिका से हुई। उन्होंने अजमेर दरगाह को संकट मोचन महादेव मंदिर घोषित करने की मांग की। इसको लेकर अजमेर की अदालत ने 27 नवंबर को इस याचिका के आधार पर दरगाह के सर्वेक्षण को मंजूरी दी। अब यह मुद्दा गरमा गया है।
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20 दिसंबर तक मांगा जवाब
इधर, सिविल जज मनमोहन चंदेल ने अजमेर दरगाह समिति, अल्पसंख्यक मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस जारी कर 20 दिसंबर तक जवाब मांगा है।