जोधपुर.
गली-मोहल्लों में चाय की थड़ियां, दुकान व केबिन में ड्रग्स की सप्लाई होने संबंधी राजस्थान पत्रिका के खुलासे पर हरकत में आई पुलिस कमिश्नरेट के पश्चिमी जिले के 250 पुलिसकर्मियों ने शुक्रवार सुबह पाल लिंक रोड के पास राजीव कॉलोनी व आस-पास 214 जगह छापे मारे। ड्रॉन व डॉग स्क्वॉयड की मदद से सघन तलाशी ली गई। एनडीपीएस एक्ट की चार सहित सात एफआइआर दर्ज कर 91 जनों को गिरफ्तार किया गया। 54 वाहन भी जब्त किए गए।कॉलेनी में घुड़सवारों व पैदल रूट मार्च भी किया गया।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि ड्रग्स की खरीद-फरोख्त में लिप्त पेडलरों को चिह्नित करने के बाद राजीव गांधी कॉलोनी में सुबह सात से दस बजे तक दबिशें दी गईं। एडीसीपी (पश्चिम) निशांत भारद्वाज के नेतृत्व में सभी एसीपी व थानाधिकारियों की 48 टीम के 250 पुलिसकर्मियों ने कॉलोनी में चाय की थडि़यां, केबिन, दुकानों और मकानों की तलाशी ली। दो जगह अवैध गांजा जब्त किया गया। बासनी, विवेक विहार, सरदारपुरा व शास्त्रीनगर में एनडीपीएस एक्ट की एक-एक एफआइआर दर्ज की गई।बासनी व शास्त्रीनगर में भी एनडीपीएस एक्ट के एक-एक मामले दर्ज किए गए। जुआ खेल रहे कुछ लोगों को भी पकड़कर मामला दर्ज किया गया। इसके साथ ही 91 जनों को गिरफ्तार किया गया। इनमें तीन स्थाई वारंटी, 14 गिरफ्तारी वारंटी और 63 जनों को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर पाबंद कराया गया।13 चार पहिया और 41 दुपहिया वाहन जब्त किए गए।
संदेह में 50 जनों को पकड़ा
पुलिस ने राजीव गांधी कॉलोनी में ड्रग्स की खरीद-फरोख्त के संदेह में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। ड्रग्स सप्लाई के संबंध में पूछताछ कर नोट बनाए गए। शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद देर शाम पाबंद कराकर छोड़ा गया।
ड्रग्स न बेचने की नसीहत
डीसीपी राजर्षि राज वर्मा व एडीसीपी निशांत भारद्वाज की अगुवाई में एसीपी छवि शर्मा, रविन्द्र बोथरा व आनंदसिंह राजपुरोहित और सभी थानाधिकारियों और पुलिस व क्यूआरटी के जवानों ने राजीव गांधी कॉलोनी में रूट मार्च किया। घुड़सवारों के साथ कॉलोनी में लोगों को ड्रग्स की खरीद-फरोख्त में लिप्त न रहने की सख्त हिदायत दी गई।
राजस्थान पत्रिका की खबर का असर
राजस्थान पत्रिका ने गत 26 नवम्बर के अंक में प्रथम पृष्ठ पर ‘जोधपुर स्कूल-कोचिंग सेंटरों के पास धड़ल्ले से मिल रही एमडी ड्रग्स व स्मैक’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें विभिन्न बस्तियों में स्कूल-कॉलेज के आस-पास चाय की थड़ियों, केबिन व दुकानों पर खुलेआम ड्रग्स मिलने का खुलासा किया गया था।