बाल वैज्ञानिकों ने दिखाई प्रतिभा, वाटर बोट कम करेगी जल प्रदूषण


झालावाड़. 
कौन कहता हैं कि आसमान में सुराग नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो, कुछ ऐसा ही जिले के होनहार विद्यार्थियों ने कर दिखाया। पढ़ाई के साथ-साथ कुछ अलग करने की चाह ने इन छोटे बच्चों को बाल वैज्ञानिक का तमगा दिला दिया।

जिले के कई विद्यार्थियों ने जिला व राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए आवेदन किया था। उनमें से राज्य स्तर पर कई विद्याथियों का चयन हुआ है, लेकिन हम चुनींदा 5 विद्यार्थियों से उनके मॉडल के बारे में लिया बता रहे हैं। भवानीमंडी में आयोजित जिला स्तरीय विज्ञान मेले में श्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद राज्य स्तरीय पर चयनित हुए है। खास बात ये है कि कोई छात्र किसान का बेटा तो किसी के पिता दुकानदार हैं। छोटी सी उम्र में इनकी उड़ान से परिवार में खुशी है। इन बाल वैज्ञानिकों ने अपनी कल्पना को पंख देते हुए ऐसे मॉडल बनाए कि उनके मॉडल को देखकर हर कोई प्रशंसा किए बगैर नहीं रह सका। ये बाल वैज्ञानिक अब अपनी प्रतिभा भिलवाड़ा में राज्य स्तर पर दिखाएंगे।

जिला शिक्षा अधिकारी हेमराज पारेता का कहना है कि कई स्कूलों के 17 बच्चे जिला स्तर पर प्रथम आने के बाद अब भिलवाड़ा में आयोजित राज्य स्तरीय विज्ञान मेले में भाग लेंगे। वहां चयन होने के बाद राष्ट्रीय स्तरीय विज्ञान मेले में भाग लेंगे। जिले के कई बाल वैज्ञानिकों ने बहुत ही सुंदर मॉडल बनाए है।

नदी-तालाब होंगे साफ

राउमावि गोविन्दपुरा के कक्षा 10वीं के छात्र कैलाश मालवीय ने वाटर क्लिङ्क्षनग बोट बनाई है। इस बोट के माध्यम से नदी-तालाब आदि में फेला हुआ कचरा साफ किया जा सकता है। छात्र ने बताया कि इसमें गोल पहिए लगे हुए है, ये मशीन बैट्री आगे चलती जाएगी, इसमें नदी-तालाब में फैला हुआ कचरा स्वत: ही एकत्रित होता जाएगा। इससे जल प्रदूषण को कम करने में आसानी होगी।

निखारेगी त्वचा

शहर के राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय कलेक्ट्री के छात्र तोसिफ अली ने विज्ञान शिक्षिका मीनूसिंह तंवर के नेतृत्व में स्कीन केयर व हेयर केयर पर अपना प्रयोग किया है। छात्र ने आयुर्वेदिक साबुन बनाया है। ये साबुन मुल्तानी मिट्टी, एलोविरा सहित कई चीजें शामिल की गई । ये पूरी तरह से केमिकल फ्री होने से इससे त्वचा व बालों में निखार आएगा।

अब नहीं काटेंगे मच्छर

शहर के निकट पीएमश्री महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय दुर्गपुरा में 8वीं कक्षा के छात्र गोपाल लाल ने विज्ञान शिक्षिका अंजली नागर के मार्गदर्शन में मच्छर को मारने वाली फोगिंग मशीन बनाई है। इसमें एक बेट्री और दो पाइल लगे हुए है। जिनमें औषधीय पौधे जैसे नीम, बबूल आदि के पत्तों को जलाकर एक पाइप के माध्यम से धुंआ कर मच्छरों को मारा जाता है।

सीढ्यिों से बनेगी बिजली

जिले के राउमावि गोविन्दपुरा के कक्षा 10 वीं के छात्र कुणाल लोधा ने विज्ञान शिक्षिका चन्द्रबाला सिसोदिया के मार्गदर्शन में संसाधन प्रबन्धन विषय पर अपना मॉडल पेश किया। जिसमें लोधा ने एक मशीन बनाई है ,जिसे सीढ्यिों पर लगाई जा सकती है। उन सीढ्यिों पर जैसे ही कोई व्यक्ति चढ़ेगा या उतरेगा तो उन पर वजन गिरने से ऊर्जा पैदा होगी। यानी छात्र द्वारा यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने का तरीका इजात किया।

जिला स्तर पर प्रथम

जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की कक्षा 8वीं की छात्रा कृत्रिका कुमारी दांगी ने विज्ञान शिक्षक असद कुरैशी के मार्गदर्शन में प्रदूषण नियंत्रण का मॉडल बनाया। लेकिन एक ही प्रतियोगिता में भाग लेने की बाध्यता होने से दांगी ने गणित क्विज प्रतियोगिता में भाग लिया और जिला स्तर पर प्रथम आई अब राज्य स्तर के लिए चयन हुआ।

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